[ Featuring Poornima ]
मुझे कम्बल माँगा दे ओ बेदर्दी
मुझे कम्बल माँगा दे ओ बेदर्दी
मुझे कम्बल माँगा दे ओ बेदर्दी
दिन दहाड़े ही झाडे ने हद करदी
मेरी ख़ातिया तो तूने खड़ी करदी
मेरी ख़ातिया तो तूने खड़ी करदी
मेरी ख़ातिया तो तूने खड़ी करदी
दूर कैसे करूँगा तेरी सर्दी
हो मुझे कम्बल माँगा दे ओ बेदर्दी
मुझे कम्बल माँगा दे ओ बेदर्दी
हर भर करके है चले हवाये
थर थर कांपे सीना
तेरे प्यार की धूप खिली तो
आये मुझे पसीना
तेरे सर से भूत उतारूंगा जाड़े का आजा
चलाले प्यार की अंगीठी तू बंद करले दरवाज़ा
पास तेरे खडा तेरा हमदर्दी
मुझे कम्बल माँगा दे ओ बेदर्दी
मुझे कम्बल माँगा दे ओ बेदर्दी
दिन दहाड़े ही झाडे ने हद करदी
मेरी ख़ातिया तो तूने खड़ी करदी
मेरी ख़ातिया तो तूने खड़ी करदी
मेरी जवानी के दवाजे
की कुण्डी खडका दे
करले प्यार मुझे बेशक तू
नींदें मेरी उड़ा दे
तू मेरी बुलबुल है के पर में तेरे क़तर के
आज तेरे होठों से पीलु नैन कटोरी भर के
दूर करनी पड़ेगी तेरी सर्दी
मुझे कम्बल माँगा दे ओ बेदर्दी
मुझे कम्बल माँगा दे ओ बेदर्दी
दिन दहाड़े ही झाडे ने हद करदी
मेरी ख़ातिया तो तूने खड़ी करदी
मेरी ख़ातिया तो तूने खड़ी करदी
दूर कैसे करूँगा तेरी सर्दी
मुझे कम्बल माँगा दे ओ बेदर्दी
मेरी ख़ातिया तो तूने खड़ी करदी