ओ हम शाम-सवेरे तेरी यादें आती हैं
आ के दिल को मेरे यूँ तड़पाती हैं
ओ सनम, मोहब्बत की क़सम
समझे ज़माना के दिल है खिलौना
जाना है अब "क्या है दिल का लगाना"
नज़रों से अब ना हम को गिराना
मर भी गए तो भूल ना जाना
आँखों में बसी हो पर दूर हो कहीं
दिल के करीब हो, ये मुझ को है यकीं
ओ सनम, तेरे प्यार की कसम ओ हम
प्यार के सफर में अत्ति द्दूप छाया हैं
मंज़िल न जाने किस गाओं हैं
ओ सनम, चले जाने की क़सम हम्म