[ Featuring Shashwat Singh, ]
बेमतलब से ये फ़ासले
तड़पायें हमें ये फ़ासले
बेमतलब से ये फ़ासले
फैसले फ़ासले
क्यूँ अज़नबी हम तुम हुए
क्यूँ हुए हम ये बता दे
खाली है क्यूँ ये आसमां
खोये कहाँ हैं सितारे
इतना भी तू अब मेरे
ना सब्र का इम्तिहाँ ले
तू ही बता तेरे बिना
कैसे खुद को संभालें
कैसे सहें बेकरारी बढ़ती जा रही है हमारी
तुमसे यही है गुज़ारिश मिट जाए ये सभी
फ़ासले मिट जाये
फ़ासले मिट जाये
हाँ मैं भी हूँ बेबस हर लम्हा
कैसे बीतें शामें अब तन्हा
कम कर दें हो जैसे भी दरमियाँ
मिलना है तो फिर कैसी मंज़ूरियाँ
फ़ासले मिट जाये
फ़ासले मिट जाये
बेमतलब से ये फ़ासले
तड़पायें हमें ये फ़ासले
अब ना रहें ये फ़ासले
फैसले फ़ासले
बेमतलब से ये फ़ासले
तड़पायें हमें ये फ़ासले
अब ना रहें ये फ़ासले
फैसले फ़ासले