[ Featuring Bombay Jayashri ]
Akash worldwide
ज़रा-ज़रा बहकता है, महकता है
आज तो मेरा तन-बदन
मैं प्यासी हूँ, मुझे भर ले अपनी बाँहों में
ज़रा-ज़रा बहकता है, महकता है
आज तो मेरा तन-बदन
मैं प्यासी हूँ, मुझे भर ले अपनी बाँहों में
है मेरी क़सम तुझको, सनम
दूर कहीं ना जा
ये दूरी कहती है, "पास मेरे आज रे"