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Amar Arte - Bheegi Bheegi Raaton Mein [Live] Lyrics



Amar Arte - Bheegi Bheegi Raaton Mein [Live] Lyrics
Official




[ Featuring Gauri Trivedi ]

भीगी भीगी रातों में
मीठी मीठी बातों में
ऐसी बरसातों में कैसा लगता है हा

ऐसा लगता है तुम बनके बादल
मेरे बदन को भिगोके
मुझे छेड़ रहे हो छेड़ रहे हो
ऐसा लगता है तुम बनके बादल
मेरे बदन को भिगोके
मुझे छेड़ रहे हो छेड़ रहे हो

अम्बर खेले होली उई माँ
भीगी मोरी चोली हमजोली हमजोली
अम्बर खेले होली उई माँ
भीगी मोरी चोली हमजोली हमजोली
हो पानी के इस रेले में
सावन के इस मेले में
छत पे अकेले में
कैसा लगता है

ऐसा लगता है तुम बनके घटा
अपने सजन को भीगो के खेल
खेल रही हा खेल रही हो

ऐसा लगता है तुम बनके बादल
मेरे बदन को भिगोके
मुझे छेड़ रहे हो छेड़ रहे हो

बरखा से बचालु तुझे
सीने से लगा लूं
आ छुपालुं आ छुपालुं

बरखा से बचालु तुझे
सीने से लगा लूं
आ छुपालुं आ छुपालुं

दिल ने पुकारा देखो रुत का इशारा देखो
उफ़ ये नज़ारा देखो
कैसा लगता है
बोलो

ऐसा लगता है कुछ हो जायेगा
मस्त पवन के ये झोके
सइयां देख रहे हो
देख रहे हो

ऐसा लगता है तुम बनके बादल
मेरे बदन को भीगो के मुझे
छेड़ रहे हो छेड़ रहे हो
[ Correct these Lyrics ]

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भीगी भीगी रातों में
मीठी मीठी बातों में
ऐसी बरसातों में कैसा लगता है हा

ऐसा लगता है तुम बनके बादल
मेरे बदन को भिगोके
मुझे छेड़ रहे हो छेड़ रहे हो
ऐसा लगता है तुम बनके बादल
मेरे बदन को भिगोके
मुझे छेड़ रहे हो छेड़ रहे हो

अम्बर खेले होली उई माँ
भीगी मोरी चोली हमजोली हमजोली
अम्बर खेले होली उई माँ
भीगी मोरी चोली हमजोली हमजोली
हो पानी के इस रेले में
सावन के इस मेले में
छत पे अकेले में
कैसा लगता है

ऐसा लगता है तुम बनके घटा
अपने सजन को भीगो के खेल
खेल रही हा खेल रही हो

ऐसा लगता है तुम बनके बादल
मेरे बदन को भिगोके
मुझे छेड़ रहे हो छेड़ रहे हो

बरखा से बचालु तुझे
सीने से लगा लूं
आ छुपालुं आ छुपालुं

बरखा से बचालु तुझे
सीने से लगा लूं
आ छुपालुं आ छुपालुं

दिल ने पुकारा देखो रुत का इशारा देखो
उफ़ ये नज़ारा देखो
कैसा लगता है
बोलो

ऐसा लगता है कुछ हो जायेगा
मस्त पवन के ये झोके
सइयां देख रहे हो
देख रहे हो

ऐसा लगता है तुम बनके बादल
मेरे बदन को भीगो के मुझे
छेड़ रहे हो छेड़ रहे हो
[ Correct these Lyrics ]
Writer: ANAND BAKSHI, RAHUL DEV BURMAN
Copyright: Lyrics © Royalty Network

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