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Anup Jalota - Swarg Narak Hai Is Dharti Par Lyrics



Anup Jalota - Swarg Narak Hai Is Dharti Par Lyrics
Official




ऐसी धारणा हैं, की मृत्यु के बाद मनुष्य स्वर्ग या नरक में जाता हैं
अच्छे या बुरे कर्मो का फल भोगने के लिए
लेकिन सत्य ये हैं, की स्वर्ग और नरक इस धरती पर ही हैं
प्रत्येक मनुष्य जैसे कर्म करता हैं
वैसे ही फल उसे भोगने पड़ते हैं
इतना ही नहीं, पिछले जन्मो के कर्मो का फल भी उसे
इस जीवन में इस धरती पर ही भोगना पड़ता हैं

स्वर्ग नरक है इस धरती पर नही गगन के देखो पार
अच्छा करम तो सुख देवे है बुरा करम है दुख का सार
स्वर्ग नरक है इस धरती पे नही गगन के देखो पार
अच्छा करम तो सुख देवे है बुरा करम है दुख का सार

जो दुख पाता प्रभु से कहता क्यू प्रभु तुम दुख देते हो
हमने किया नही कुच्छ ऐसा फिर क्यू नही सुख देते हो
याद नही है उस प्राणी को जनम-जनम के पाप का भार
अच्छा करम तो सुख देवे है बुरा करम है दुख का सार
स्वर्ग नरक है इस धरती पे नही गगन के देखो पार
अच्छा करम तो सुख देवे है बुरा करम है दुख का सार

एक फकीर जो नंगा सोवे तन ढकने को नही बसन
दुख सह के मन निर्मल होगा करले-करले पीर सहन
दंड भोग के पाप कटेगा कारागार बना संसार
अच्छा करम तो सुख देवे है बुरा करम है दुख का सार
स्वर्ग नरक है इस धरती पे नही गगन के देखो पार
अच्छा करम तो सुख देवे है बुरा करम है दुख का सार

सुख-दुख दोनो एक समाना दोनो प्रभु का है वरदान
अंधकार तो दिन भी संग मे यही प्रभु का परिचय ज्ञान
प्रभु का सुमिरन नारायण कर दुख का जो करता संहार
अच्छा करम तो सुख देवे है बुरा करम है दुख का सार
स्वर्ग नरक है इस धरती पे नही गगन के देखो पार
अच्छा करम तो सुख देवे है बुरा करम है दुख का सार
बुरा करम है दुख का सार बुरा करम है दुख का सार
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ऐसी धारणा हैं, की मृत्यु के बाद मनुष्य स्वर्ग या नरक में जाता हैं
अच्छे या बुरे कर्मो का फल भोगने के लिए
लेकिन सत्य ये हैं, की स्वर्ग और नरक इस धरती पर ही हैं
प्रत्येक मनुष्य जैसे कर्म करता हैं
वैसे ही फल उसे भोगने पड़ते हैं
इतना ही नहीं, पिछले जन्मो के कर्मो का फल भी उसे
इस जीवन में इस धरती पर ही भोगना पड़ता हैं

स्वर्ग नरक है इस धरती पर नही गगन के देखो पार
अच्छा करम तो सुख देवे है बुरा करम है दुख का सार
स्वर्ग नरक है इस धरती पे नही गगन के देखो पार
अच्छा करम तो सुख देवे है बुरा करम है दुख का सार

जो दुख पाता प्रभु से कहता क्यू प्रभु तुम दुख देते हो
हमने किया नही कुच्छ ऐसा फिर क्यू नही सुख देते हो
याद नही है उस प्राणी को जनम-जनम के पाप का भार
अच्छा करम तो सुख देवे है बुरा करम है दुख का सार
स्वर्ग नरक है इस धरती पे नही गगन के देखो पार
अच्छा करम तो सुख देवे है बुरा करम है दुख का सार

एक फकीर जो नंगा सोवे तन ढकने को नही बसन
दुख सह के मन निर्मल होगा करले-करले पीर सहन
दंड भोग के पाप कटेगा कारागार बना संसार
अच्छा करम तो सुख देवे है बुरा करम है दुख का सार
स्वर्ग नरक है इस धरती पे नही गगन के देखो पार
अच्छा करम तो सुख देवे है बुरा करम है दुख का सार

सुख-दुख दोनो एक समाना दोनो प्रभु का है वरदान
अंधकार तो दिन भी संग मे यही प्रभु का परिचय ज्ञान
प्रभु का सुमिरन नारायण कर दुख का जो करता संहार
अच्छा करम तो सुख देवे है बुरा करम है दुख का सार
स्वर्ग नरक है इस धरती पे नही गगन के देखो पार
अच्छा करम तो सुख देवे है बुरा करम है दुख का सार
बुरा करम है दुख का सार बुरा करम है दुख का सार
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Writer: Anup Jalota
Copyright: Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC

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Performed By: Anup Jalota
Length: 4:43
Written by: Anup Jalota

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