ऐ ज़िंदगी हुई कहाँ भूल, जिसकी हमें मिली ये सज़ा
ऐ ज़िंदगी हुई कहाँ भूल, जिसकी हमें मिली ये सज़ा
कहाँ से कहाँ लाई तू हमें, हमसे है क्यूँ इतनी ख़फ़ा
ऐ ज़िंदगी
कहाँ गए दिन वो सुहाने, कहाँ खोया प्यार हमारा
कहाँ उड़ी क्या चिंगारी, जल गया वो सुख सारा
हो अपना कहीं कोई नहीं, दिल ने यहाँ सब हारा
ऐ ज़िंदगी हुई कहाँ भूल, जिसकी हमें मिली ये सज़ा
ऐ ज़िंदगी
बीते जो दिल पे हमारे, जा के कहाँ किसको सुनाएँ
छलके जो आँखों से दिल के, आँसू ये किसको दिखाएँ
हो कौन सुने दिल का ये ग़म, दुश्मन है जग सारा
ऐ ज़िन्दगी हुई कहाँ भूल, जिसकी हमें मिली ये सज़ा
ऐ ज़िंदगी
जाएँ तो हम कहाँ जाएँ, सूझे न कोई किनारा
भर गया जी यहाँ जी के, छोड़ दे पीछा हमारा
हो तेरी क़सम दुनिया में हम, आएँगे ना दोबारा
ऐ ज़िन्दगी हुई कहाँ भूल, जिसकी हमें मिली ये सज़ा
कहाँ से कहाँ लाई तू हमें, हमसे है क्यूँ इतनी ख़फ़ा
ऐ ज़िंदगी