[ Featuring Farida Khan ]
इश्क़ करे जो से ही जाने
इश्क़ में कितना गम है
आंखो में अश्कों की लहरे
कदम कदम मातम है
काटे ही काटे बिखरे है
चाहत की राहों में
मर मर के जीना पड़ता है
उल्फत की बाहों में
उल्फत की बाहों में
जितना भुलाना चाहूं
उतनी ही याद आए
बीते दिनों की यादें
मुझको बहुत रुलाए
हर दर्द सेह रही हूं
अश्कों को पी रही हूं
तेरे बगैर सजना
मर मर के जी रही हूं
आए नज़र तू मुझको
नज़रों को जब उठाऊ
मुझे तू ना देख पाए
तुझे मैं ना देख पाऊ
मुझे तू ना देख पाए