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Anuradha Paudwal - Maine Ek Geet Likha Hai Lyrics



Anuradha Paudwal - Maine Ek Geet Likha Hai Lyrics
Official




मैंने एक गीत लिखा है, जो तुमको सुनाती हूँ
सोये हुए रंगीं ख़्वाबों को, साँसों से सजाती हूँ

मैंने एक गीत लिखा है, जो तुमको सुनाती हूँ
सोये हुए रंगीं ख़्वाबों को, साँसों से सजाती हूँ
मैंने एक गीत लिखा है जो तुमको सुनाती हूँ
सोये हुए रंगीं ख़्वाबों को, साँसों से सजाती हूँ
मैंने एक गीत लिखा है

हसते हुए फूलों पे, ठहरी हुई शबनम है
ये कौन सा नग़मा है, ये कौन सी सरगम है
हसते हुए फूलों पे, ठहरी हुई शबनम है
ये कौन सा नग़मा है, ये कौन सी सरगम है
इक साज़ जो गुमसुम है, मैं उसको जगाती हूँ
मैंने एक गीत लिखा है जो तुमको सुनाती हूँ
सोये हुए रंगीं ख़्वाबों को, साँसों से सजाती हूँ
मैंने एक गीत लिखा है

ये धूप खटकती सी, सोये हुए साये हैं
ये धूप खटकती सी, सोये हुए साये हैं
किस देश से चल कर ये, इस देश में आये हैं
मैं इनकी सदा बनकर उस पार से आती हूँ
साँसों में समाती हूँ
मैंने एक गीत लिखा है जो तुमको सुनाती हूँ
सोये हुए रंगीं ख़्वाबों को, साँसों से सजाती हूँ
मैंने एक गीत लिखा है

इक प्यार की सिहरन है, मदमस्त फुहारों में
इक शोख शरारत है, रंगीन नज़ारों में
इक प्यार की सिहरन है, मदमस्त फुहारों में
इक शोख शरारत है, रंगीन नज़ारों में
इस प्यार के साग़र में, मौजों को उठाती हूँ
मैंने एक गीत लिखा है जो तुमको सुनाती हूँ
सोये हुए रंगीं ख़्वाबों को, साँसों से सजाती हूँ
मैंने एक गीत लिखा है
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मैंने एक गीत लिखा है, जो तुमको सुनाती हूँ
सोये हुए रंगीं ख़्वाबों को, साँसों से सजाती हूँ

मैंने एक गीत लिखा है, जो तुमको सुनाती हूँ
सोये हुए रंगीं ख़्वाबों को, साँसों से सजाती हूँ
मैंने एक गीत लिखा है जो तुमको सुनाती हूँ
सोये हुए रंगीं ख़्वाबों को, साँसों से सजाती हूँ
मैंने एक गीत लिखा है

हसते हुए फूलों पे, ठहरी हुई शबनम है
ये कौन सा नग़मा है, ये कौन सी सरगम है
हसते हुए फूलों पे, ठहरी हुई शबनम है
ये कौन सा नग़मा है, ये कौन सी सरगम है
इक साज़ जो गुमसुम है, मैं उसको जगाती हूँ
मैंने एक गीत लिखा है जो तुमको सुनाती हूँ
सोये हुए रंगीं ख़्वाबों को, साँसों से सजाती हूँ
मैंने एक गीत लिखा है

ये धूप खटकती सी, सोये हुए साये हैं
ये धूप खटकती सी, सोये हुए साये हैं
किस देश से चल कर ये, इस देश में आये हैं
मैं इनकी सदा बनकर उस पार से आती हूँ
साँसों में समाती हूँ
मैंने एक गीत लिखा है जो तुमको सुनाती हूँ
सोये हुए रंगीं ख़्वाबों को, साँसों से सजाती हूँ
मैंने एक गीत लिखा है

इक प्यार की सिहरन है, मदमस्त फुहारों में
इक शोख शरारत है, रंगीन नज़ारों में
इक प्यार की सिहरन है, मदमस्त फुहारों में
इक शोख शरारत है, रंगीन नज़ारों में
इस प्यार के साग़र में, मौजों को उठाती हूँ
मैंने एक गीत लिखा है जो तुमको सुनाती हूँ
सोये हुए रंगीं ख़्वाबों को, साँसों से सजाती हूँ
मैंने एक गीत लिखा है
[ Correct these Lyrics ]
Writer: Dhiraj, J P Dixit, Seth Raghu Nath
Copyright: Lyrics © Royalty Network




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