आओं वही हम चलें
फूल हँसी के जहाँ खिलें
मैने माना पूरा यहा
होता हैं नहीं हर सपना
तो क्या हुआ, क्या हो गया
सिखले आओं हम हसना
आओं वहीं हम चलें
फूल हँसी के जहाँ खिलें
याद करे इस रुत मे
क्यों दुख की गलियों को
हम तुम झूम के आओं चुन ले
खिली हुई कलियों को
किसको ख़बर कब मिले
फिर ये सुहानी मंजिलें
मैने माना पूरा यहा
होता हैं नहीं हर सपना
तो क्या हुआ, क्या हो गया
सिखले आओं हम हँसना
आओं वही हम चलें
फूल हँसी के जहाँ खिलें
रोना नहीं हम जो कहीं
तुमसे बिछड़ कल जाए
दूर हो ऐसे हम तुम से
कभी नहीं मिल पाए
भूल के हर मुश्किले
आज सजा महफ़ीले
मैने माना पूरा यहाँ
होता हैं नहीं हर सपना
क्या हो गया
सिखले आओं हम हँसना
आओं वही हम चलें
फूल हँसी के जहाँ खिलें
आओं वही हम चलें
फूल हँसी के जहाँ खिलें