[ Featuring Mohammed Rafi ]
आये हैं दूर से, मिलने हुज़ूर से
ऐसे भी चुप न रहिये
कहिये जी कुछ तो कहिये
दिन है कि रात है
तुमसे मेहमान का
मुझपे एहसान क्या
लाखों ही झुल्फे वाले
आते हैं घेरा डाले
मेरी क्या बात है
आये हैं दूर से, मिलने हुज़ूर से
ऐसे भी चुप न रहिये
कहिये जी कुछ तो कहिये
दिन है कि रात है
उठ के तो देखिए कैसी फिज़ा है
शरमाना छोड़िये ये क्या अदा है
उठ के तो देखिए कैसी फिज़ा है
शरमाना छोड़िये ये क्या अदा है
तौबा ये क्या फरमाया
मैं तो यूँ ही शरमाया
तौबा ये क्या फरमाया
मैं तो यूँ ही शरमाया
मेरी क्या बात है
आआआआ आये हैं दूर से
मिलने हुज़ूर से
ऐसे भी चुप न रहिये
कहिये जी कुछ तो कहिये
दिन है कि रात है
होहोहो तुमसे मेहमान का
मुझपे एहसान क्या
लाखों ही झुल्फे वाले
आते हैं घेरा डाले
मेरी क्या बात है
दिखती हैं रोज़ ही ऐसी फिजायें
मुखड़े के सामने काली घटायें
अरे दिखती हैं रोज़ ही ऐसी फिजायें
मुखड़े के सामने काली घटायें
कोई चल जाये जादू
फिर हम पूछेगें बाबू
कोई चल जाये जादू
फिर हम पूछेगें बाबू
दिन है के रात है
होहोहो तुमसे मेहमान का
मुझपे एहसान क्या
लाखों ही झुल्फे वाले
आते हैं घेरा डाले
मेरी क्या बात है
आआआआ आये हैं दूर से
मिलने हुज़ूर से
ऐसे भी चुप न रहिये
कहिये जी कुछ तो कहिये
दिन है कि रात है
होहोहो तुमसे मेहमान का
मुझपे एहसान क्या
लाखों ही झुल्फे वाले
आते हैं घेरा डाले
मेरी क्या बात है