[ Featuring Mohammed Rafi ]
आए मेरे हमनवा तू नही जनता
ये मेरी आरज़ू ये मेरा ख्वाब था
आए मेरे हमनवा तू नही जनता
ये मेरी आरज़ू ये मेरा ख्वाब था
तेरे कदमो से लिपटी रहे ज़िंदगी
तेरी बाहों के घेरे मे आए मज़ा
आए मेरे हमनवा
आ गयी शामे ग़म हो गयी आँखे नम
मेरी तन्हाइयो ने ये रो के कहा
इस जहा को भला और आता है क्या
दिल मोहब्बत भरे तोड़ने के सिवा
आए मेरे हमनवा
फ़सले गुल मे मिले और बिछड़े है हम
फ़सले गुल मे मिले और बिछड़े है हम
दिल मे पलता रहेगा बहारो का ग़म
बहारो का ग़म
वक़्त का ये सितम कैसे भूलेंगे हम
ज़िंदगी हो गयी ज़िंदगी से जुदा
आए मेरे हमनवा
कोई ज़ंजीर हो कोई दीवार हो
कोई ज़ंजीर हो कोई दीवार हो
ग़म नही और भी राह दुश्वार हो
राह दुश्वार हो
फासले मंज़िलो मे बदल जाएँगे
इस हर इंतिहा से गुजर जाएगा
आए मेरे हमनवा तू नही जनता
ये मेरी आरज़ू ये मेरा ख्वाब था
इस जहा को भला और आता है क्या
दिल मोहब्बत भरे तोड़ने के सिवा
आए मेरे हमनवा (आए मेरे हमनवा)