[ Featuring Usha Mangeshkar ]
ऐसे दांतो में ऊँगली चबाओ नहीं
रात जागी हो हमसे छुपाओ नहीं
ऐसे दांतो में ऊँगली चबाओ नहीं
रात जागी हो हमसे छुपाओ नहीं
कोई सपनो में आता रहा रात भर
कोई सपनो में आता रहा रात भर
न मैं सोयी न मे जागी हमें सताओ नहीं
ऐसे दांतो में ऊँगली चबाओ नहीं
रात जागी हो हमसे छुपाओ नहीं
कौन था केसा था बताओ ना
कोई अनजान सी एक पहचान थी
मेरी आँखों पे झुक कर बुलाती रही
कोई अनजान सी एक पहचान थी
मेरी आँखों पे झुक कर बुलाती रही
न मैं बोली न मैं जागी
सिर्फ सांसों की आवाज़ आती रही
एक आगोश में कैद थी रात भर
लो बता तो दिया अब सताओ नहीं
तुमको सपनो की सौगंध बनाओ नहीं
रात जागी हो हमसे छुपाओ नहीं
तुमको सपनो की सौगंध बनाओ नहीं
रात जागी हो हमसे छुपाओ नहीं
जिस्म जलता रहा जैसे खुसबू जले
साँस होठों पे आकर सुलगते रहे
जिस्म जलता रहा जैसे खुसबू जले
साँस होठों पे आकर सुलगते रहे
न जलि मै न बुझि मै
मेरे होठों पे सावन बरसते रहे
सौख मलता रहा एडिया रात भर
लो बता तो दिया अब सताओ नहीं
जाओ जाओ हमें यु बनाओ नहीं
दिल दिया है किसी को छुपाओ नहीं
ऐसे दांतो में ऊँगली चबाओ नहीं
दिल दिया है किसी को छुपाओ नहीं