आँखों से इशारा करके हमें
आँखों से इशारा करके हमें
बहला भी गए बहका भी गए
दो दिल की रसीली उलझन को
दो दिल की रसीली उलझन को
उलझा भी गए सुलझा भी गए
आँखों से इशारा करके हमें
पूछा जो किसी ने हमसे कभी
क्या चीज़ मोहब्बत होती है
पूछा जो किसी ने हमसे कभी
क्या चीज़ मोहब्बत होती है
सीने से लगाकर याद तेरी
सीने से लगाकर याद तेरी
शर्मा भी गए घबरा भी गए
दो दिल की रसीली उलझन को
उलझा भी गए सुलझा भी गए
आँखों से इशारा करके हमें
बचपन से जवानी तक हमने
बचपन से जवानी तक हमने
जो बात न अब तक समझी थी
जो बात न अब तक समझी थी
मुँह फेर के नीची नजरों से
मुँह फेर के नीची नजरों से
समझा भी गए तड़पा भी गए
दो दिल की रसीली उलझन को
उलझा भी गए सुलझा भी गए
आँखों से इशारा करके हमें
बहला भी गए बहका भी गए
आँखों से इशारा करके हमें