बात कोई मतलब की है ज़रूर नही तो कब आते इधर हुज़ूर
बात कोई मतलब की है ज़रूर नही तो कब आते इधर हुज़ूर
क्यू हो जी घबराए सर झुकाए शरमाये
क्यू हो जी घबराए सर झुकाए शरमाये
हम ग़रीबो मे आए तुम्हे तो था बड़ा गरूर
बात कोई मतलब की है ज़रूर नही तो कब आते इधर हुज़ूर
बात कोई मतलब की है ज़रूर नही तो कब आते इधर हुज़ूर
कुछ करते ओर कुछ कहते हम कभी ऐसे नही थे
कुछ करते ओर कुछ कहते हम कभी ऐसे नही थे
हा जी उल्टे तुम ही थे दिलबर एक नज़र मे चूर
बात कोई मतलब की है ज़रूर नही तो कब आते इधर हुज़ूर
बात कोई मतलब की है ज़रूर नही तो कब आते इधर हुज़ूर
कोई जीते कोई हारे ये तो दुनिया है प्यारे
कोई जीते कोई हारे ये तो दुनिया है प्यारे
पास आओ हमारे कहे बैठे हो इतने दूर
बात कोई मतलब की है ज़रूर नही तो कब आते इधर हुज़ूर
बात कोई मतलब की है ज़रूर नही तो कब आते इधर हुज़ूर हू हू या हू हू