[ Featuring Mohammed Rafi ]
गोरी चलो न हंस की चाल ज़माना दुश्मन है
तेरी उमर है सोलह साल ज़माना दुश्मन है
कुछ परवाह नहीं सरकार ज़माना दुश्मन हो
मुझे तुमसे हुआ है प्यार ज़माना दुश्मन हो
हो गोरी चलो न हंस की चाल ज़माना दुश्मन है
तेरी उमर है सोलह साल ज़माना दुश्मन है
ओ चाँद सी उजली हसीना तुम छोड़ दो आना-जाना
रोकेगा तुम्हारी राहें हम जैसा कोई दीवाना
कोई लाख लगाए पहरे मैं पहरे तोड़ के आऊँ
हूँ तेरे मिलन की प्यासी मैं दुनिया छोड़ के आऊँ
हो गोरी चलो न हंस की चाल ज़माना दुश्मन है
तेरी उमर है सोलह साल ज़माना दुश्मन है
कुछ परवाह नहीं सरकार ज़माना दुश्मन हो
मुझे तुमसे हुआ है प्यार ज़माना दुश्मन हो
ये इश्क़ है आग का दरिया तुम सोच-समझ के उतरना
हैं इसमें हज़ारों तूफ़ाँ आसान नहीं है गुज़रना
जब प्यार का बंधन बाँधा फिर आग हो या हो पानी
डर जाए वो कैसी उल्फ़त जल जाए वो कैसी जवानी
गोरी चलो न हंस की चाल ज़माना दुश्मन है
तेरी उमर है सोलह साल ज़माना दुश्मन है
कुछ परवाह नहीं सरकार ज़माना दुश्मन हो
मुझे तुमसे हुआ है प्यार ज़माना दुश्मन हो