हैरतों के सिलसिले
सोज़-ए-निहा तक आ गये
हैरतों के सिलसिले
सोज़-ए-निहा तक आ गये
हम तो दिल तक चाहते थे
तुम तो जाँ तक आ गये
हैरतों के सिलसिले
सोज़-ए-निहा तक आ गये
ज़ुल्फ़ में ख़ुश्बू न थी
या रंग आरिज़ में न था
ज़ुल्फ़ में ख़ुश्बू न थी
या रंग आरिज़ में न था
आप किस की जुस्तजू में
गुलसिताँ तक आ गये
हैरतों के सिलसिले
सोज़-ए-निहा तक आ गये
ख़ुद तुम्हें चाक-ए-गरेबाँ का
शऊर आ जायेगा
ख़ुद तुम्हें चाक-ए-गरेबाँ का
शऊर आ जायेगा
तुम वहाँ तक आ तो जाओ
हम जहाँ तक आ गये
हैरतों के सिलसिले
सोज़-ए-निहा तक आ गये
उनकी पलकों पे सितारे
अपने होंठों पे हँसी
उनकी पलकों पे सितारे
अपने होंठों पे हँसी
क़िस्सा-ए-ग़म कहते कहते
हम यहाँ तक आ गये
हम तो दिल तक चाहते थे
तुम तो जा तक आ गये
हैरतों के सिलसिले
सोज़-ए-निहा तक आ गये