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Asha Bhosle - Ik Dard Utha Haye Lyrics



Asha Bhosle - Ik Dard Utha Haye Lyrics
Official




अय्ययय अय्या हा आ
एक दर्द उठा हाए एक दर्द उठा
एक दर्द उठा हाए एक दर्द उठा
एक बेदर्दी के गांव मे मेरे दिल का शहर लूटा
हाए नी एक दर्द उठा
एक दर्द उठा हाए एक दर्द उठा

कौन मेरी धड़कन मे समाया मन की कोयलिया कुक उठी
हाए मन की कोयलिया कुक उठी
टूट गयी अंगड़ाई ओर एक लंबी लंबी हुक उठी
एक लंबी लंबी हुक उठी
ऐसा निशाना जालिम का था

तकने पे नही घुटने पे ना ना
बाहो मे अंह निगाहो मे
अरे नही अरे तो फिर कहा

ऐसा निशाना जालिम का था सीधा दिल पे उतर गया
हाए नि एक दर्द उठा
एक दर्द उठा हाए एक दर्द उठा
एक दर्द उठा हाए एक दर्द उठा

जैसे एक कली को आकर फागुन गले लगाए रे
हाए फागुन गले लगाए रे
सदा सुहागन हुई उमंगे जब वो लौट के आए रे
हाए जब वो लौट के आए रे
जब सपनो की हुई सगाई

दिन को नही शाम को ना ना
अरे रात को अंह प्रभात को
अरे नही फिर कब

जब सपनो की हुई सगाई अंग अंग मे शोर मचा
हाए नि एक दर्द उठा
एक दर्द उठा हाए एक दर्द उठा
एक दर्द उठा हाए एक दर्द उठा

आँचल मेरा हुआ शराबी मचल के तन से लिपट गया
हाए मचल के तन से लिपट गया
पायल का पागल घुंघरू भी बिन छनकाए छनक आया
हाए बिन छनकाए छनक आया
दर्द हुआ रंग जर्द हुआ

तीखा तीखा नही अरे मीठा मीठा ना ना
ज़रा ज़रा अंह हा बड़ा बड़ा
अरे नही तो फिर कैसा

दर्द हुआ रंग जर्द हुआ और सर पे पसीना छूट गया
हाए नि एक दर्द उठा
एक दर्द उठा हाए एक दर्द उठा
दर्द उठा हाए एक दर्द उठा
एक बेदर्दी गांव मे मेरे दिल का शहर लूटा
हाए नि एक दर्द उठा
एक दर्द उठा हाए एक दर्द उठा हा आ
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अय्ययय अय्या हा आ
एक दर्द उठा हाए एक दर्द उठा
एक दर्द उठा हाए एक दर्द उठा
एक बेदर्दी के गांव मे मेरे दिल का शहर लूटा
हाए नी एक दर्द उठा
एक दर्द उठा हाए एक दर्द उठा

कौन मेरी धड़कन मे समाया मन की कोयलिया कुक उठी
हाए मन की कोयलिया कुक उठी
टूट गयी अंगड़ाई ओर एक लंबी लंबी हुक उठी
एक लंबी लंबी हुक उठी
ऐसा निशाना जालिम का था

तकने पे नही घुटने पे ना ना
बाहो मे अंह निगाहो मे
अरे नही अरे तो फिर कहा

ऐसा निशाना जालिम का था सीधा दिल पे उतर गया
हाए नि एक दर्द उठा
एक दर्द उठा हाए एक दर्द उठा
एक दर्द उठा हाए एक दर्द उठा

जैसे एक कली को आकर फागुन गले लगाए रे
हाए फागुन गले लगाए रे
सदा सुहागन हुई उमंगे जब वो लौट के आए रे
हाए जब वो लौट के आए रे
जब सपनो की हुई सगाई

दिन को नही शाम को ना ना
अरे रात को अंह प्रभात को
अरे नही फिर कब

जब सपनो की हुई सगाई अंग अंग मे शोर मचा
हाए नि एक दर्द उठा
एक दर्द उठा हाए एक दर्द उठा
एक दर्द उठा हाए एक दर्द उठा

आँचल मेरा हुआ शराबी मचल के तन से लिपट गया
हाए मचल के तन से लिपट गया
पायल का पागल घुंघरू भी बिन छनकाए छनक आया
हाए बिन छनकाए छनक आया
दर्द हुआ रंग जर्द हुआ

तीखा तीखा नही अरे मीठा मीठा ना ना
ज़रा ज़रा अंह हा बड़ा बड़ा
अरे नही तो फिर कैसा

दर्द हुआ रंग जर्द हुआ और सर पे पसीना छूट गया
हाए नि एक दर्द उठा
एक दर्द उठा हाए एक दर्द उठा
दर्द उठा हाए एक दर्द उठा
एक बेदर्दी गांव मे मेरे दिल का शहर लूटा
हाए नि एक दर्द उठा
एक दर्द उठा हाए एक दर्द उठा हा आ
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Writer: Sonik-Omi, Varma Malik
Copyright: Lyrics © Royalty Network

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Performed By: Asha Bhosle
Length: 5:06
Written by: Sonik-Omi, Varma Malik
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