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Asha Bhosle - Kali Ghata Chhaye [Revival] Lyrics



Asha Bhosle - Kali Ghata Chhaye [Revival] Lyrics
Official




काली घटा छाये मोरा जिया तरसाये
काली घटा छाये मोरा जिया तरसाये
ऐसे में कहीं कोई मिल जाये रे
काली घटा छाये मोरा जिया तरसाये
ऐसे में कहीं कोई मिल जाये
बोलो किसी का क्या जाये रे क्या जाये रे क्या जाये
काली घटा छाये मोरा जिया तरसाये

हूँ मैं कितनी अकेली वो ये जानते
मेरे बेरंग जीवन को पहचानते
हूँ मैं कितनी अकेली वो ये जानते
मेरे बेरंग जीवन को पहचानते
मेरे हाथों को थामें हँसे
और हँसाये मेरा दुख भुलाये किसी का क्या जाये
काली घटा छाये मोरा जिया तरसाये

यूही बगियन में डोलू मैं खोयी हुई
ना तो जागी हुई सी ना सोयी हुई
यूही बगियन में डोलू मैं खोयी हुई
ना तो जागी हुई सी ना सोयी हुई
मेरे बालों मे कोई धीरे से आये
कली ताक जाये किसी का क्या जाये
काली घटा छाये मोरा जिया तरसाये

उसके राहे तकु तलमलाती फिरूँ
हर आहट पे नैना बिछाती फिरूँ
उसके राहे तकु तलमलाती फिरूँ
हर आहट पे नैना बिछाती फिरूँ
वो जो आयेगा कल न क्यूँ
आज आये मेरा मन बसाये किसी का क्या जाये
काली घटा छाये मोरा जिया तरसाये
ऐसे में कहीं कोई मिल जाये रे
काली घटा छाये मोरा जिया तरसाये
ऐसे में कहीं कोई मिल जाये
बोलो किसी का क्या जाये रे क्या जाये रे क्या जाये
काली घटा छाये मोरा जिया तरसाये
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काली घटा छाये मोरा जिया तरसाये
काली घटा छाये मोरा जिया तरसाये
ऐसे में कहीं कोई मिल जाये रे
काली घटा छाये मोरा जिया तरसाये
ऐसे में कहीं कोई मिल जाये
बोलो किसी का क्या जाये रे क्या जाये रे क्या जाये
काली घटा छाये मोरा जिया तरसाये

हूँ मैं कितनी अकेली वो ये जानते
मेरे बेरंग जीवन को पहचानते
हूँ मैं कितनी अकेली वो ये जानते
मेरे बेरंग जीवन को पहचानते
मेरे हाथों को थामें हँसे
और हँसाये मेरा दुख भुलाये किसी का क्या जाये
काली घटा छाये मोरा जिया तरसाये

यूही बगियन में डोलू मैं खोयी हुई
ना तो जागी हुई सी ना सोयी हुई
यूही बगियन में डोलू मैं खोयी हुई
ना तो जागी हुई सी ना सोयी हुई
मेरे बालों मे कोई धीरे से आये
कली ताक जाये किसी का क्या जाये
काली घटा छाये मोरा जिया तरसाये

उसके राहे तकु तलमलाती फिरूँ
हर आहट पे नैना बिछाती फिरूँ
उसके राहे तकु तलमलाती फिरूँ
हर आहट पे नैना बिछाती फिरूँ
वो जो आयेगा कल न क्यूँ
आज आये मेरा मन बसाये किसी का क्या जाये
काली घटा छाये मोरा जिया तरसाये
ऐसे में कहीं कोई मिल जाये रे
काली घटा छाये मोरा जिया तरसाये
ऐसे में कहीं कोई मिल जाये
बोलो किसी का क्या जाये रे क्या जाये रे क्या जाये
काली घटा छाये मोरा जिया तरसाये
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Writer: MAJROOH SULTANPURI, S.D. BURMAN
Copyright: Lyrics © Royalty Network

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