फिर से अइयो बदरा बिदेसी
तेरे पंखों पे मोती जड़ूँगी
भर के जइयो हमारी तलैया
मैं तलैया किनारे मिलूँगी
तुझे मेरे काले कमली वाले की सौं
तुझे मेरे काले कमली वाले की सौं
फिर से अइयो बदरा बिदेसी
तेरे पंखों पे मोती जड़ूँगी
तेरे जाने की रुत मैं जानती हूँ
मुड़ के आने की रीत है कि नहीं
हो काली दरगाह से पूछूँगी जाके
तेरे मन में भी प्रीत है कि नहीं
कच्ची पुलिया से होके गुजरियो
कच्ची पुलिया किनारे मिलूँगी
फिर से अइयो बदरा बिदेसी
तेरे पंखों पे मोती जड़ूँगी
तुझे मेरे काले कमली वाले की सौं
तुझे मेरे काले कमली वाले की सौं
तू जो रुक जाए मेरी अटरिया
मैं अटरिया पे झालर लगा दूँ
डालूँ चार ताबीज़ गले में
अपने काजल से बिंदिया लगा दूँ
छूके जइयो हमारी बगीची
मैं पीपल के आड़े मिलूँगी
फिर से अइयो बदरा बिदेसी
तेरे पंखों पे मोती जड़ूँगी
तुझे मेरे काले कमली वाले की सौं
तुझे मेरे काले कमली वाले की सौं