टकरा गये दो बादल अम्बर पे
तो बरसने लगी बूंदे बिखर के
टकरा गये दो
मौशुमि कितना प्यारा नाम है
इश्स नाम का साथ तो हर मौसम से है
चाहे वो सर्दी का हो या गर्मी का
पतझड़ का या सावन का
आहा छ्चोड़ो जाओ बड़े वो हो तुम
नाम मेरा जोड़ दिया मौसम से सनम
मौसम फिर भी मौसम है सनम
नाम मेरा जोड़ा ना बता
खुद से क्यों बलम
मुझसे मिलाओ यह नैन तो
ऐसे ना जलाओ मेरे मॅन को
टकरा गये दो
यह सावन का मौसम तो खूबसूरत है ही
लेकिन तुम्हारी इश्स खूबसूरत उमर ने
इसे और भी खूबसूरत बना दिया है
जाने आई कैसी यह उमर बनके कली खिलाने लगी
सुनी रह पर टन में मॅन में उठी यह लहर
तुझसे सजन टकराई मन जौन मैं बिखर
आग लगे रे सावन को छू गया मेरे दामन को
टकरा गये दो बादल अम्बर पे
तो बरसने लगी बूंदे बिखर के
टकरा गये दो