आ आ आ आ आ आ आ
आ आ आ आ आ आ आ
या इलाही हो मुबारक
तुझको यह तेरा जहां
दिल की बर्बादी
पे बजती हैं यहां शहनाइयाँ
या इलाही हो मुबारक
मैं वह बुलबुल हूँ की जिसका
आशियाना लुट गया
आरज़ू मिट गयीं
दिल का खजाना लुट गया
फसले गुल आने से पहले
आ गयी फसले ख़िज़ाँ
दिल की बर्बादी
पे बजती हैं यहां शहनाइयाँ
या इलाही हो मुबारक
हाय किस मंज़िल पे लायी
मेरी बर्बादी मुझे
चाँद सूरज कह रहे हैं
आज फरियादी मुझे
बेबसी पर मेरी मातम
कर रहा है आस्मां
दिल की बर्बादी
पे बजती हैं यहां शहनाइयाँ
या इलाही हो मुबारक
तुझको यह तेरा जहां
दिल की बर्बादी
पे बजती हैं यहां शहनाइयाँ
या इलाही हो मुबारक