[ Featuring Mohammed Rafi ]
ये रात ये फ़िज़ायें फिर आये या न आये
आओ शमा बुझा के हम आज दिल जलायें
ये रात ये फ़िज़ायें फिर आये या न आये
आ आ
आओ शमा बुझा के
हो हो हो हो
हम आज दिल जलायें
ये रात ये फ़िज़ायें
अहा
फिर आये या न आये
ओ ओ
आओ शमा बुझा के हम आज दिल जलायें
ये रात वे फ़िज़ायें (ये रात वे फ़िज़ायें)
आआआआआआ
ये नर्म सी खामोशी वे रेशमी अँधेरा
कहता है जुल्फ़ खोलो रुक जायेगा सवेरा
जुगुनू से मिल के चमके तारे से झिलमिलायें
आओ शमा बुझा के हम आज दिल जलायें (आओ शमा बुझा के हम आज दिल जलायें)
ये रात वे फ़िज़ायें (ये रात वे फ़िज़ायें)
आआआआआआ
भीगी हुई हवायें अब रात ढल रही है (भीगी हुई हवायें अब रात ढल रही है)
ऐसे में दो दिलों की इक शब्मा जल रही है (ऐसे में दो दिलों की इक शब्मा जल रही है)
ये प्यार का उजाला मिल के अमर बनायें (ये प्यार का उजाला मिल के अमर बनायें)
आओ शमा बुझा के हम आज दिल जलायें (आओ शमा बुझा के हम आज दिल जलायें)
ये रात वे फ़िज़ायें (ये रात वे फ़िज़ायें)