राम राम जय राजा राम
राम राम जय सीता राम
मंगल भवन अमंगल हारी
द्रबहु सुदसरथ अचर बिहारी
राम राम जय राजा राम
राम राम जय सीता राम
सीता-राम चरित अति पावन,
मधुर सरस और अति मन भावन
राम राम जय राजा राम
राम राम जय सीता राम
पुनि पुनि कितने हो सुने सुनाये
हिये की प्यास बुझत ना बुझाये (राम राम जय राजा राम)