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Hawaa Guzar Gayi Video (MV)




Performed By: Bhupinder Singh
Length: 6:37
Written by: GULZAR, BHUPINDER SINGH




Bhupinder Singh - Hawaa Guzar Gayi Lyrics
Official




हवा गुज़र गयी
पत्ते थे कुच्छ हीले भी नहीं

हवा गुज़र गयी
पत्ते थे कुच्छ हीले भी नहीं
वो मेरे शहर में
आए भी और मिले भी नहीं
हवा गुज़र गयी
पत्ते थे कुच्छ हीले भी नहीं
वो मेरे शहर में
आए भी और मिले भी नहीं
हवा गुज़र गयी
पत्ते थे कुच्छ हीले भी नहीं

चराग़ जलते है
फिर शाम उधड़ने लगती हैं
चराग़ जलते है
फिर शाम उधड़ने लगती हैं
जो इंतजार के लम्हें थे
वो सिले भी नहीं
जो इंतजार के लम्हें थे
वो सिले भी नहीं
वो मेरे शहर में
आए भी और मिले भी नहीं
हवा गुज़र गयी
पत्ते थे कुच्छ हीले भी नहीं

यह कैसा रिश्ता हुआ
इश्क़ में वफ़ा का भला
यह कैसा रिश्ता हुआ
इश्क़ में वफ़ा का भला
तमाम उम्र में
दो चार च्छे गीले भी नहीं
तमाम उम्र में
दो चार च्छे गीले भी नहीं
वो मेरे शहर में
आए भी और मिले भी नहीं
हवा गुज़र गयी
पत्ते थे कुच्छ हीले भी नहीं
वो मेरे शहर में
आए भी और मिले भी नहीं
वो मेरे शहर में
आए भी और मिले भी नहीं
वो मेरे शहर में
आए भी और मिले भी नहीं
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हवा गुज़र गयी
पत्ते थे कुच्छ हीले भी नहीं

हवा गुज़र गयी
पत्ते थे कुच्छ हीले भी नहीं
वो मेरे शहर में
आए भी और मिले भी नहीं
हवा गुज़र गयी
पत्ते थे कुच्छ हीले भी नहीं
वो मेरे शहर में
आए भी और मिले भी नहीं
हवा गुज़र गयी
पत्ते थे कुच्छ हीले भी नहीं

चराग़ जलते है
फिर शाम उधड़ने लगती हैं
चराग़ जलते है
फिर शाम उधड़ने लगती हैं
जो इंतजार के लम्हें थे
वो सिले भी नहीं
जो इंतजार के लम्हें थे
वो सिले भी नहीं
वो मेरे शहर में
आए भी और मिले भी नहीं
हवा गुज़र गयी
पत्ते थे कुच्छ हीले भी नहीं

यह कैसा रिश्ता हुआ
इश्क़ में वफ़ा का भला
यह कैसा रिश्ता हुआ
इश्क़ में वफ़ा का भला
तमाम उम्र में
दो चार च्छे गीले भी नहीं
तमाम उम्र में
दो चार च्छे गीले भी नहीं
वो मेरे शहर में
आए भी और मिले भी नहीं
हवा गुज़र गयी
पत्ते थे कुच्छ हीले भी नहीं
वो मेरे शहर में
आए भी और मिले भी नहीं
वो मेरे शहर में
आए भी और मिले भी नहीं
वो मेरे शहर में
आए भी और मिले भी नहीं
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Writer: GULZAR, BHUPINDER SINGH
Copyright: Lyrics © Royalty Network


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