Back to Top

Bhupinder Singh - Raat Bhar Lyrics



Bhupinder Singh - Raat Bhar Lyrics
Official




रात भर सर्द हवा चलती रहीं, चलती रहीं
रात भर सर्द हवा चलती रहीं, रात भर हमने अलाव तापा
रात भर सर्द हवा चलती रहीं, रात भर हमने अलाव तापा
रात भर सर्द हवा चलती रहीं, ई ई ई

मैने माज़ी से कई खुश्क सी शाखे काटी
तुम ने भी गुज़रे हुवे लम्हों के पत्ते तोड़े
मैने ज़ाबों से निकाली सभी सुखी नज़्मे
तुम ने भी हाथों से मुरझाए हुए खत खोले
अपनी इन आँखों से मैने कई माँजे तोड़े
और हाथों से कई बासी लकीरें फैकी

रात भर जो भी मिला उगते बदन पर हमको
रात भर जो भी मिला उगते बदन पर हमको
काट कर डाल दिया जलते अलाव मे उसे
रात भर फुकों से हर लौ को जलाए रखा
और दो जिस्मों के इंधन को जलाए रखा
और दो जिस्मों के इंधन को जलाए रखा

रात बहार बुझते हुए रिश्ते को तापा हमने
बुझते हुए रिश्ते को तापा हमने
तापा हमने
[ Correct these Lyrics ]

We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.


We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.




रात भर सर्द हवा चलती रहीं, चलती रहीं
रात भर सर्द हवा चलती रहीं, रात भर हमने अलाव तापा
रात भर सर्द हवा चलती रहीं, रात भर हमने अलाव तापा
रात भर सर्द हवा चलती रहीं, ई ई ई

मैने माज़ी से कई खुश्क सी शाखे काटी
तुम ने भी गुज़रे हुवे लम्हों के पत्ते तोड़े
मैने ज़ाबों से निकाली सभी सुखी नज़्मे
तुम ने भी हाथों से मुरझाए हुए खत खोले
अपनी इन आँखों से मैने कई माँजे तोड़े
और हाथों से कई बासी लकीरें फैकी

रात भर जो भी मिला उगते बदन पर हमको
रात भर जो भी मिला उगते बदन पर हमको
काट कर डाल दिया जलते अलाव मे उसे
रात भर फुकों से हर लौ को जलाए रखा
और दो जिस्मों के इंधन को जलाए रखा
और दो जिस्मों के इंधन को जलाए रखा

रात बहार बुझते हुए रिश्ते को तापा हमने
बुझते हुए रिश्ते को तापा हमने
तापा हमने
[ Correct these Lyrics ]
Writer: GULZAR, BHUPINDER SINGH
Copyright: Lyrics © Royalty Network




Bhupinder Singh - Raat Bhar Video
(Show video at the top of the page)


Performed By: Bhupinder Singh
Length: 5:44
Written by: GULZAR, BHUPINDER SINGH

Tags:
No tags yet