एक तरफ ज़िंदगी...
एक तरफ प्यार का मंजर था
जिससे लब्जों की प्यास बुझाने चला
वो सूखा समंदर था
कैसा तेरा प्यार... हाँ?
कैसा तेरा प्यार... हाँ?
कैसा तेरा प्यार... हाँ?
कैसा तेरा प्यार... हाँ?
कैसा तेरा प्यार?
कैसा तेरा प्यार?
आँखों में आँसू
दिल में जज़्बात
ज़िंदगी लगता मेरे को मज़ाक
कौन करेगा यहाँ पुण्य-पाप का हिसाब?
अलबेला हूँ
तन्हा खड़ा हूँ
जहाँ तु छोड़ गयी
वहीं पड़ा हूँ
दिल ढूँढता सुकून करवटों में
तेरी यादें और तस्वीरों में
फुर्सत के पल खो दिए
आज भँवर में
धार के संग
कश्ती मेरी टूटी
पर क्यों पहाड़ सा मन क्यों?
पहाड़ सा मन
तेरे हाथों में
मेंहदी और होठों पे लाली
ख़ैर करें रब्बा
तु किसी ग़ैर के घरवाली
पल पल का वो तड़प
सिसक-सिसक कर गुजरा
रात के कई पहर
लोगों की बातें मुझपे बेअसर
जीवन में आई सुनामी
लगता क्यों लिखी गयी?
अधूरी मेरी कहानी
जिस्म माँगता जवानी
दो पल की जिंदगानी
लिखने मैं आया यहाँ खुद की कहानी...
कैसा तेरा प्यार... हाँ?
कैसा तेरा प्यार... हाँ?
कैसा तेरा प्यार... हाँ?
कैसा तेरा प्यार... हाँ?
कैसा तेरा प्यार?
कैसा तेरा प्यार?
आँखों में आँसू
दिल में जज़्बात
ज़िंदगी लगता मेरे को मज़ाक
कौन करेगा यहाँ पुण्य-पाप का हिसाब?
दिल लगाना अब आसान नहीं
दिल के टुकड़े-टुकड़े में अब ईमान नहीं
दर्दे दिल हैं मेरा
ये कोई दुकान नहीं
मेरे आँसू की तपन
तुम क्या जानों?
मेरे दर्द का मरहम
तुम क्या जानों?
अरे दिल के टुकड़े से पूछ न
मेरे अरमानों से लिपटी कफ़न से पूछ न
दिल धड़कता किसी ग़ैर के लिए
उस ग़ैर के मोहल्ले वाले से पूछ न
चले जाओ, ओ हरजाई
चले जाओ, ओ हरजाई
तुझे मेरी याद क्यों न आयी
लिखता रहा रात भर
सांसों की तलब क्या तूने बुझाई?
इश्क़ अधूरा रहे
अच्छा हैं
यहाँ चेहरे बहुत
पर कौन सच्चा हैं?
आज सवाल नहीं
बेतुका ख्याल नहीं
दिल टूटा कई दफ़ा
पर बुरा मेरा हाल नहीं
इश्क़ मोहब्बत
सब किताबों के किस्सें
इश्क़ मोहब्बत
सब किताबों के किस्सें
उनके लिए खुशियाँ
दर्द मेरे हिस्सें
क्यों BIG BANG.?