इस दिल मे तू बसी है
यादों में तेरी मैं जो दूर हो गया
ह्म ह्म ह्म ह्म
हाँ हाँ हाँ
शाम सवेरे तेरी यादें आती हैं
आके दिल को मेरे यूँ तड़पाती हैं
ओ सनम उन यादों की कसम
ओ ओ ह्म ह्म ह्म हाँ हाँ
समझे ज़माना के दिल है खिलौना
जाना है अब क्या है दिल का लगाना
नज़रों से ना यूँ हमको गिराना
मर भी गए तो भूल न जाना
आँखों में बसी हो पर दूर हो कहीं
पास हो दिल के मेरे मुझको है यकीं
ओ सनम मोहब्बत की कसम
ह्म ह्म ह्म ह्म
हाँ हाँ हाँ