आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ
ये न थी हमारी क़िस्मत, के विसाल-ए-यार होता
ये न थी हमारी क़िस्मत, के विसाल-ए-यार होता
अगर और जीते रहते यही इन्तिज़ार होता
ये न थी हमारी क़िस्मत
कहूँ किससे मैं कि क्या है, शब-ए-ग़म बुरी बला है
कहूँ किससे मैं कि क्या है, शब-ए-ग़म बुरी बला है
मुझे क्या बुरा था मरना, अगर एक बार होता
मुझे क्या बुरा था मरना, अगर एक बार होता
ये न थी हमारी क़िस्मत
कोई मेरे दिल से पूछे तेरे तीर-ए-नीमकश को
कोई मेरे दिल से पूछे तेरे तीर-ए-नीमकश को
ये ख़लिश कहाँ से होती, जो जिगर के पार होता
ये ख़लिश कहाँ से होती, जो जिगर के पार होता
ये न थी हमारी क़िस्मत, के विसाल-ए-यार होता
ये न थी हमारी क़िस्मत