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Chitra Singh - Yeh Na Thi Hamari Qismat Lyrics



Chitra Singh - Yeh Na Thi Hamari Qismat Lyrics
Official




आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ
ये न थी हमारी क़िस्मत, के विसाल-ए-यार होता
ये न थी हमारी क़िस्मत, के विसाल-ए-यार होता
अगर और जीते रहते यही इन्तिज़ार होता
ये न थी हमारी क़िस्मत

कहूँ किससे मैं कि क्या है, शब-ए-ग़म बुरी बला है
कहूँ किससे मैं कि क्या है, शब-ए-ग़म बुरी बला है
मुझे क्या बुरा था मरना, अगर एक बार होता
मुझे क्या बुरा था मरना, अगर एक बार होता
ये न थी हमारी क़िस्मत

कोई मेरे दिल से पूछे तेरे तीर-ए-नीमकश को
कोई मेरे दिल से पूछे तेरे तीर-ए-नीमकश को
ये ख़लिश कहाँ से होती, जो जिगर के पार होता
ये ख़लिश कहाँ से होती, जो जिगर के पार होता
ये न थी हमारी क़िस्मत, के विसाल-ए-यार होता
ये न थी हमारी क़िस्मत
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आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ
ये न थी हमारी क़िस्मत, के विसाल-ए-यार होता
ये न थी हमारी क़िस्मत, के विसाल-ए-यार होता
अगर और जीते रहते यही इन्तिज़ार होता
ये न थी हमारी क़िस्मत

कहूँ किससे मैं कि क्या है, शब-ए-ग़म बुरी बला है
कहूँ किससे मैं कि क्या है, शब-ए-ग़म बुरी बला है
मुझे क्या बुरा था मरना, अगर एक बार होता
मुझे क्या बुरा था मरना, अगर एक बार होता
ये न थी हमारी क़िस्मत

कोई मेरे दिल से पूछे तेरे तीर-ए-नीमकश को
कोई मेरे दिल से पूछे तेरे तीर-ए-नीमकश को
ये ख़लिश कहाँ से होती, जो जिगर के पार होता
ये ख़लिश कहाँ से होती, जो जिगर के पार होता
ये न थी हमारी क़िस्मत, के विसाल-ए-यार होता
ये न थी हमारी क़िस्मत
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Writer: JAGJIT SINGH, MIRZA GHALIB
Copyright: Lyrics © Royalty Network

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