एक हसीना थी, एक दीवाना था
क्या उम्र, क्या समा, क्या ज़माना था
आ आ आ
एक हसीना थी, एक दीवाना था (हसीना थी दीवाना था)
क्या उम्र, क्या समा
क्या ज़माना था आ आ आ
हे हे हे हे ए
हे हे हे हे
एक दिन वो मिले, रोज़ मिलने लगे
एक दिन वो मिले, रोज़ मिलने लगे
फिर मोहब्बत हुयी, बस क़यामत हुयी
खो गए तुम कहाँ, सुनके ये दास्ताँ
लोग हैरान है, क्योंकि अनजान है
इश्क की वो गली, बात जिसकी चली
उस गली में, मेरा आना, जाना था
एक हसीना थी, एक दीवाना था
क्या उम्र, क्या समा, क्या ज़माना था
एक हसीना थी, एक दीवाना था
उस हसीं ने कहा उस हसीं ने कहा
सुनो जाने वफ़ा
ये फलक, ये ज़मीं, तेरे बिन कुछ नहीं
तुझपे मरती हूँ मैं, प्यार करती हूँ मैं
बात कुछ और थी, वो नज़र चोर थी
उसके दिल में छुपी
चाह दौलत की थी
प्यार का, वो फकत, इक बहाना था
एक हसीना थी, एक दीवाना था
क्या उम्र, थी क्या समा था क्या ज़माना था
एक हसीना थी, एक दीवाना था
ला ला ला ला ला ला ला ला
ला ला ला ला ला ला लाला