आई ऐसी रात है जो
बहुत खुशनसीब है
चाहे जिसे दूर से दुनिया
वो मेरे करीब है
कितना कुछ केहना है
फिर भी है दिल में
सवाल कहीं
सपनो में जो रोज कहा है
वो फिर से कहूँ या नहीं
आँखों में तेरी
अजब सी अजब सी अदाएं हैं
हो, आँखों में तेरी
अजब सी अजब सी अदाएं हैं
दिल को बनादे जो पतंग साँसे
ये तेरी वो हवाएं हैं
दिल को बनादे जो पतंग साँसे
ये तेरी वो हवाएं हैं