छेड़े है मुझको कारी बदरिया रे
छेड़े है मुझको कारी बदरिया
बैरी मौसम सुहाना पीस गई जवानी मेरी हाय
पीस गई जवानी मेरी रूप के बोझ से
हाय पीस गई जवानी मेरी रूप के बोझ से
यूँ चक्की में दाना, छेड़े है मुझको
ना तो किसी ने मेरी बैया मरोड़ी
ना कंगना छनकाया, ना कंगना छनकाया
रहगी तड़प के नागिन सी अंखियाँ
कोई सपेरा ना आया, कोई सपेरा ना आया
सारा जमाना हैं बेगाना रे सारा जमाना हैं बेगाना
कोई ना जाना पहचाना
पीस गई जवानी मेरी, हाय मर गई दइया
पीस गई जवानी मेरी रूप के बोझ से
यूँ चक्की में दाना, छेड़े है मुझको
अपने दिल की हर चाहत को
किसी के नाम लगा दूँ मै
किसी के नाम लगा दूँ
जो मुझ पे हैं बीत रही वो
उसको बात बता दूँ, उसको बात बता दूँ
कब कोई परदेशी आए कही से हाय
कब कोई परदेशी आए कही से
बनके मिले अनजाना
पीस गई जवानी मेरी, हाय
पीस गई जवानी मेरी रूप के बोझ से
यूँ चक्की में दाना, छेड़े है मुझको