[ Featuring Mohammed Rafi, DJ MHD IND ]
ये मेहलों, ये तख़्तों, ये ताजों की दुनिया
ये इनसां के दुश्मन समाजों की दुनिया
ये मेहलों, ये तख़्तों, ये ताजों की दुनिया
ये इनसां के दुश्मन समाजों की दुनिया
ये दौलत के भूखे रवाज़ों की दुनिया
ये दुनिया अगर मिल भी जाये तो क्या है
ये दुनिया अगर मिल भी जाये तो क्या है
हर इक जिस्म घायल, हर इक रुह प्यासी
निगाहो में उलझन, दिलों मे उदासी
ये दुनिया है या आलम-ए-बदहवासी
ये दुनिया अगर मिल भी जाये तो क्या है
ये दुनिया अगर मिल भी जाये तो क्या है
यहाँ एक खिलौना है इनसां की हस्ती
ये बस्ती है मुर्दा-परस्तों की बस्ती
यहाँ पर तो जीवन से है मौत सस्ती
ये दुनिया अगर मिल भी जाये तो क्या है
ये दुनिया अगर मिल भी जाये तो क्या है
जवानी भटकती है बदकार बनकर
जवान जिस्म सजते है बाज़ार बनकर
जहा प्यार होता है व्यापार बनकर
ये दुनिया अगर मिल भी जाये तो क्या है
ये दुनिया अगर मिल भी जाये तो क्या है
ये दुनिया जहा आदमी कुछ नहीं है
वफ़ा कुछ नहीं, दोस्ती कुछ नहीं है
ये दुनिया जहा आदमी कुछ नहीं है
वफ़ा कुछ नहीं, दोस्ती कुछ नहीं है
जहा प्यार कि कद्र ही कुछ नहीं है
ये दुनिया अगर मिल भी जाये तो क्या है
ये दुनिया अगर मिल भी जाये तो क्या है