[ Featuring Uthara Unnikrishnan ]
नर हो, ना निराश करो मन को
नर हो, ना निराश करो मन को
उह चूम चूम उह चूम चूम उह चूम चूम उह चूम चूम उह चूम चूम उह चूम चूम उह चूम चूम
उह चूम चूम उह चूम चूम उह चूम चूम उह चूम चूम उह चूम चूम (आह हा हा आह हा हा)
उह चूम चूम उह चूम चूम उह चूम चूम उह चूम चूम उह चूम चूम (आह हा हा आह हा हा)
उह चूम चूम उह चूम चूम उह चूम चूम उह चूम चूम उह चूम चूम (आह हा हा आह हा हा)
हो हो हो हो हा हा हा हा (उह चूम चूम उह चूम चूम उह चूम चूम उह चूम चूम उह चूम चूम )
हो हो हो हो हा हा हा हा (उह चूम चूम उह चूम चूम उह चूम चूम उह चूम चूम उह चूम चूम )
कुछ काम करो, कुछ काम करो
जग में रह कर निज नाम करो
ओ ओ ओ
कुछ काम करो, कुछ काम करो
जग में रह कर निज नाम करो
ओ ओ ओ
ये जन्म हुआ किस अर्थ अहो
समझो जिसमें ये व्यर्थ ना हो
हो हो हो
ये जन्म हुआ किस अर्थ अहो
समझो जिसमें ये व्यर्थ ना हो
हो हो हो
कुछ तो उपयोग करो तन को
नर हो, ना निराश करो मन को (हो हो हो)
नर हो, ना निराश करो मन को (हो हो हो)
हो हो हो
संभलो किस योग ना जाये चला
कब व्यर्थ हुआ सद उपाय भला
समझो जग को ना निरा सपना
पथ आप प्रशस्त करो अपना
पप्पा पप्पा पप्पा पप्पा पप्पा पप्पा
अखिलेश्वर है अभिलंबन को
नर हो, ना निराश करो मन को (आह हा हा)
नर हो, ना निराश करो मन को (आह हा हा)
नर हो, ना निराश करो मन को
नर हो, ना निराश करो मन को
हो हो हो
जब प्राप्त तुम्हें सब तत्व यहाँ
हो हो
फिर जा सकता वो सत्व कहाँ
हो हो
तुम सत्व सिधा रस बान करो (हो हो हो)
उठ के अमरत्व विधान करो (हो हो हो)
नब रूप रहो भव कानन को (हो हो हो)
नर हो
नर हो, ना निराश करो मन को (हो हो हो)
नर हो, ना निराश करो मन को (हो हो हो)
नर हो, ना निराश करो मन को (हो हो हो)
आह आ आ आ आ आह आ आ आ आ (धूम ताना ना ना ना धूम ताना ना ना ना)
आह आ आ आ आ आह आ आ आ आ (धूम ताना ना ना ना धूम ताना ना ना ना)
धूम ताना ना ना ना धूम ताना ना ना ना धूम ताना ना ना ना धूम ताना ना ना ना
आह आ आ आ आ आह आ आ आ आ (धूम ताना ना ना ना धूम ताना ना ना ना)
आह आ आ आ आ आह आ आ आ आ (धूम ताना ना ना ना धूम ताना ना ना ना)
धूम ताना ना ना ना धूम ताना ना ना ना धूम ताना ना ना ना धूम ताना ना ना ना
निज गौरव का नित ज्ञान रहे
हम भी कुछ हैं ये ध्यान रहे
निज गौरव का नित ज्ञान रहे
हम भी कुछ हैं ये ध्यान रहे
सब जाए अभी पर मान रहे
मरणोंत् तर गुंजित गान रहे
सब जाए अभी पर मान रहे
मरणोंत् तर गुंजित गान रहे
कुछ होना तज़ो निज साधन को
हा हा हा हा हा
कुछ होना तज़ो निज साधन को (हा हा हा हा हा)
नर हो, ना निराश करो मन को
नर हो, ना निराश करो मन को