क्या हो गया जो तुम हो गए ख़फ़ा
ऐसी भी क्या भूल की ये मिली सजा
माना की हे रेहना अब तुम्हे जुदा
कैसे मैं करू तुमको दिल से गुमशुदा
वादे वो इरादे अब न होंगे कामयाब
प्यार जब करा था तब करा था बेहिसाब
उन सवालों का, क्या ये मिला जवाब
सबसे लड़ झगड़ने का क्या ये मिला हिसाब
शायद यही सोचा नहीं
की तेरे बिना भी है ज़िन्दगी
तेरे जाने से ही दिखा
ज़रूरत तेरी थी ही नहीं
शायद यही सोचा नहीं
की तेरे बिना भी है ज़िन्दगी
तेरे जाने से ही दिखा आ आ
ज़रूरत तेरी थी ही नहीं