रेत पर लिख के मेरा नाम मिटाया ना करो ओ ओ
रेत पर लिख के मेरा नाम मिटाया ना करो ओ ओ
आँख सच बोलती हैं प्यार छुपाया ना करो ओ ओ
रेत पर लिख के मेरा नाम मिटाया ना करो ओ ओ ओ
लोग हर बात का अफ़साना बना लेते हैं
लोग हर बात का अफ़साना बना लेते हैं
सबको हालात की रुहदाद सुनाया ना करो ओ ओ
रेत पर लिख के मेरा नाम मिटाया न करो ओ ओ
ये जरूरी नहीं हर शख्स मसीहा ही हो ओ ओ
ये जरूरी नहीं हर शख्स मसीहा ही हो ओ ओ
प्यार के जख्म अमानत हैं दिखाया ना करो ओ ओ
रेत पर लिख के मेरा नाम मिटाया ना करो ओ ओ ओ
लोग हर बात का अफ़साना बना लेते हैं
लोग हर बात का अफ़साना बना लेते हैं
सबको हालात की रुहदाद सुनाया न करो ओ ओ
रेत पर लिख के मेरा नाम मिटाया न करो ओ ओ ओ
शहर-ए-एहसास में पथराव बहुत हैं मोहसिन
शहर-ए-एहसास में पथराव बहुत हैं मोहसिन
दिल को शीशे के झरोखों में सजाया न करो ओ ओ
रेत पर लिख के मेरा नाम मिटाया न करो ओ ओ
आँखे सच बोलती हैं प्यार छुपाया न करो ओ ओ ओ