वो एक दर्द जो मेरा भी है, तुम्हारा भी
वो एक दर्द जो मेरा भी है, तुम्हारा भी
वो ही सज़ा है मगर है वो ही सहारा भी
वो एक दर्द जो मेरा भी है, तुम्हारा भी
तेरे बग़ैर कोई पल गुज़र नहीं पाता
तेरे बग़ैर कोई पल गुज़र नहीं पाता
तेरे बग़ैर ही इक उम्र को गुज़ारा भी
वो ही सज़ा है मगर है वो ही सहारा भी
वो एक दर्द जो मेरा भी है, तुम्हारा भी
तुम्हारे साथ कभी जिसने बेवफ़ाई की
तुम्हारे साथ कभी जिसने बेवफ़ाई की
किसी तरहा न हुआ फिर वो दिल हमारा भी
वो ही सज़ा है मगर है वो ही सहारा भी
वो एक दर्द जो मेरा भी है, तुम्हारा भी
तेरे सिवा न कोई मुझसे जीत पाया था
तेरे सिवा न कोई मुझसे जीत पाया था
तुझी से मात मिली है मुझे दुबारा भी
वो ही सज़ा है मगर है वो ही सहारा भी
वो एक दर्द जो मेरा भी है, तुम्हारा भी
आ आ आ आ आ आ आ, आ आ आ आ आ