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Gulshan Jhankar Studio - Choron Ka Maal Chor Kha Gaya [Gulshan Jhankar Studio] Lyrics



Gulshan Jhankar Studio - Choron Ka Maal Chor Kha Gaya [Gulshan Jhankar Studio] Lyrics
Official




[ Featuring Mukesh, Suman Kalyanpur ]

तू मेरा दिन है मैं तेरी रात आजा
हर शाम तेरी मेरी होगी मुलाकात आजा

तू मेरा दिन है मैं तेरी रात आजा
हर शाम तेरी मेरी होगी मुलाकात आजा

सागर महल है सागर किनारे
बिजली बूझके करूँगी इसरे
नज़ारे बचले उपर बूलौंगी
आईने मे तुमसे आँखे मिलौंगी
उसमे नगिने जैसा लगेगा सबब
बस उसी जगह बस उसी जगह होगी मुलाकात

चोर कोई देख चोर घबरा गये
आगे आगे तुम पीछे हम आ गये
जिसकी तलस थी उसे पा गये
चोरों का माल सब चोर खा गये
चोरों का माल सब चोर खा गये
चोरों का माल सब चोर खा गये

तू मेरा दिन है मैं तेरी रत आजा
हर शाम तेरी मेरी होगी मुलाकात आजा

पर्वत की चोटी पे पत्थर की कोठी है
वहा तेरी याद मे एक पनाह रोटी है
कहने को आँसू है समझो तो मोती है
जब घरवालो की आँख लगी होती है
खिड़की से देखती हू चाड तरो की बारात
बस उसी जगह बस उसी जगह होगी मुलाकात

अच्छा हुआ हीरे मोती बाहर आ गये
किसमे कमाया ओर कौन खा गये
दोनो के नसीब आज टकरा गये
और चोरों का माल सब चोर खा गये
चोरों का माल सब चोर खा गये
चोरों का माल सब चोर खा गये

तू मेरा दिन है मैं तेरी रत आजा
हर शाम तेरी मेरी होगी मुलाकात आजा

करलो वादा साथ चलोगे
नये दौर मे सैर करोगे
मखमल के पर्दे के साए मे चुपके
आएगा मज़ा तेरे प्यार मे लूटके
पॅल्को से पिलौंगी मई प्यार की सराब
बस उसी जगह बस उसी जगह होगी मुलाकात

देखा तेरा रूप सब धोखा खा गये
आँखो के इसरे हमे समझा गये
नहले पे दहला बनके हम आ गये
चोरों का माल सब चोर खा गये
चोरों का माल सब चोर खा गये
चोरों का माल सब चोर खा गये
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तू मेरा दिन है मैं तेरी रात आजा
हर शाम तेरी मेरी होगी मुलाकात आजा

तू मेरा दिन है मैं तेरी रात आजा
हर शाम तेरी मेरी होगी मुलाकात आजा

सागर महल है सागर किनारे
बिजली बूझके करूँगी इसरे
नज़ारे बचले उपर बूलौंगी
आईने मे तुमसे आँखे मिलौंगी
उसमे नगिने जैसा लगेगा सबब
बस उसी जगह बस उसी जगह होगी मुलाकात

चोर कोई देख चोर घबरा गये
आगे आगे तुम पीछे हम आ गये
जिसकी तलस थी उसे पा गये
चोरों का माल सब चोर खा गये
चोरों का माल सब चोर खा गये
चोरों का माल सब चोर खा गये

तू मेरा दिन है मैं तेरी रत आजा
हर शाम तेरी मेरी होगी मुलाकात आजा

पर्वत की चोटी पे पत्थर की कोठी है
वहा तेरी याद मे एक पनाह रोटी है
कहने को आँसू है समझो तो मोती है
जब घरवालो की आँख लगी होती है
खिड़की से देखती हू चाड तरो की बारात
बस उसी जगह बस उसी जगह होगी मुलाकात

अच्छा हुआ हीरे मोती बाहर आ गये
किसमे कमाया ओर कौन खा गये
दोनो के नसीब आज टकरा गये
और चोरों का माल सब चोर खा गये
चोरों का माल सब चोर खा गये
चोरों का माल सब चोर खा गये

तू मेरा दिन है मैं तेरी रत आजा
हर शाम तेरी मेरी होगी मुलाकात आजा

करलो वादा साथ चलोगे
नये दौर मे सैर करोगे
मखमल के पर्दे के साए मे चुपके
आएगा मज़ा तेरे प्यार मे लूटके
पॅल्को से पिलौंगी मई प्यार की सराब
बस उसी जगह बस उसी जगह होगी मुलाकात

देखा तेरा रूप सब धोखा खा गये
आँखो के इसरे हमे समझा गये
नहले पे दहला बनके हम आ गये
चोरों का माल सब चोर खा गये
चोरों का माल सब चोर खा गये
चोरों का माल सब चोर खा गये
[ Correct these Lyrics ]
Writer: JAIKSHAN SHANKAR, M. G. HASHMAT
Copyright: Lyrics © Royalty Network




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