[ Featuring Shailendra Singh ]
ओ ओ ओ ओ ओ
जो बहारों से नज़ारो से चुने
जो बहारों से नज़ारो से चुने
वही रंग लूटाता हूँ
वही रंग लूटाता हूँ
जो अकेले में ख्यालो ने बुने
जो अकेले में ख्यालो ने बुने
वही गीत सुनाता हूँ
वही गीत सुनाता हूँ
जाने मन में समाए मेरे धुन कैसी
पाँव थकते नही मेरे चलते हुए
पाँव थकते नही मेरे चलते हुए
सारी धरती लगे रे मुझे घर जैसे
मुझे अपने लगे लोग मिलते हुए
मुझे अपने लगे लोग मिलते हुए
जो भूलने से भुलाए ना बने
वहीं ख्वाब सजाता हूँ
वहीं ख्वाब सजाता हूँ
ओ ओ ओ ओ ओ
तेरी आहो में गजब का असर दिलरुबा
तेरे दीदार को देख मैं आ गया
तेरे दीदार को देख मैं आ गया
हमको मिलने से रोकेगा ये जमाना क्या
बेली सर पे कफ़न बाध कर आ गया
बेली सर पे कफ़न बाध कर आ गया
आँधियो से जो भुजाए ना बने
वही दीप जलाता हूँ
वही दीप जलाता हूँ
जो अकेले में ख्यालो ने बुने
जो अकेले में ख्यालो ने बुने
वही गीत सुनाता हूँ
वही गीत सुनाता हूँ