क्या तुमको याद है वो पहला दिन प्यार का
पहली उस रात में तेरा मुझसे यूँ मिलना
हर पल ही था हसीन जो गुजरा तेरे साथ था
हर वो लम्हा जैसे लगता है ख्वाब था
जाना ही था तो यह बता पहले ही क्यूँ यह ना कहा
छोड़ना ही था अगर फिर क्यूँ यह वादा किया
क्यूँ अब सहता है दिल मेरा हा कैसी दी है यह सज़ा
क्यूँ मेरे साथ चल ना पाए तुम हो रह गये कहाँ
क्यूँ मिलके भी हैं ना मिले क्यूँ अब इतने हैं फ़ासले
क्यूँ मेरे साथ रह ना पाए तुम हो रह गये कहाँ
उलझे उलझे हुए हैं दोनो के रास्ते
बिखरे बिखरे हुए हैं सपने सभी
अब भी वहीं खड़ा हूँ मैं तेरे वास्ते
तुमने नही है देखा मूड के कभी
कह दिया तुमसे कहना अब जो भी था
पर कभी कह ना पाए तुम थी मेरी क्या ख़ता
क्यूँ अब सहता है दिल मेरा हा कैसी दी है यह सज़ा
क्यूँ मेरे साथ चल ना पाए तुम हो रह गये कहाँ
क्यूँ मिलके भी हैं ना मिले क्यूँ अब इतने हैं फ़ासले
क्यूँ मेरे साथ रह ना पाए तुम हो रह गये कहाँ
रह गये कहाँ, रह गये कहाँ, रह गये कहाँ (ओ)
रह गये कहाँ, रह गये कहाँ, रह गये कहाँ (ओ)
रह गये कहाँ, रह गये कहाँ, रह गये कहाँ (ओ)
रह गये कहाँ, रह गये कहाँ, रह गये कहाँ (ओ)