सिंदूर मेरी माँग का
लहू के संग बह चला
ये कैसी रात है की
इसका चाँद है जला जला
सिंदूर मेरी माँग का
लहू के संग बह चला
ये कैसी रात है की
इसका चाँद है जला जला
सितारे अपने प्यार के
यू डूब तो ना जाएँगे
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सिंदूर मेरी माँग का
लहू के संग बह चला
ये कैसी रात है की
इसका चाँद है जला जला
सिंदूर मेरी माँग का
लहू के संग बह चला
ये कैसी रात है की
इसका चाँद है जला जला
सितारे अपने प्यार के
यू डूब तो ना जाएँगे