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The Hrishi - O Haseena Zulfonwale Jane Jahan [Afro Trap] Lyrics



The Hrishi - O Haseena Zulfonwale Jane Jahan [Afro Trap] Lyrics
Official




[ Featuring Asha Bhosle, Mohammed Rafi ]

ओ हसीना जुल्फों वाली जाने जहाँ
ढूंढ़ती हैं काफ़िर आँखें किसका निशान

ओ हसीना जुल्फों वाली जाने जहाँ
ढूंढ़ती हैं काफ़िर आँखें किसका निशान
महफ़िल महफ़िल ए शमा फिरती हो कहाँ
महफ़िल महफ़िल ए शमा फिरती हो कहाँ
वो अंजाना ढूंढ़ती हूँ
वो दीवाना ढूंढ़ती हूँ
जलाकर जो छिप गया हैं
वो परवाना ढूंढ़ती हूँ

महफ़िल महफ़िल ए शमा फिरती हो कहाँ
हो महफ़िल महफ़िल ए शमा फिरती हो कहाँ

गर्म हैं तेज़ हैं यह निगाहें मेरी
काम आ जाएँगी सर्द आहें मेरी
तुम किसी राह में तो मिलोगे कहीं
अरे इश्क़ हूँ में कहीं ठहरता ही नहीं
में भी हूँ गलियों की परछाई
कभी यहाँ कभी वहाँ
शाम ही से कुछ हो जाता हैं
मेरा भी जादू जवान

ओ हसीना जुल्फों वाली जाने जहाँ
ढूंढ़ती हैं काफ़िर आँखें किसका निशान
ओ हसीना जुल्फों वाली जाने जहाँ
ढूंढ़ती हैं काफ़िर आँखें किसका निशान
महफ़िल महफ़िल ए शमा फिरती हो कहाँ
महफ़िल महफ़िल ए शमा फिरती हो कहाँ
वो अंजाना ढूंढ़ती हूँ
वो दीवाना ढूंढ़ती हूँ
जलाकर जो छिप गया हैं
वो परवाना ढूंढ़ती हूँ

छिप रहें हैं यह क्या ढंग हैं आपका
आज तो कुछ नया रंग हैं आपका
आज की रात में क्या से क्या हो गयी
अहा आपकी सादगी तो बला हो गयी
मैं भी हूँ गलियों की परछाई
कभी यहाँ कभी वहाँ
शाम ही से कुछ हो जाता हैं
मेरी भी जादू जवां
ओ हसीना जुल्फों वाली जाने जहाँ
ढूंढ़ती हैं काफ़िर आँखें किसका निशान
ओ हसीना जुल्फों वाली जाने जहाँ
ढूंढ़ती हैं काफ़िर आँखें किसका निशान
महफ़िल महफ़िल ए शमा फिरती हो कहाँ
महफ़िल महफ़िल ए शमा फिरती हो कहाँ
वो अंजाना ढूंढ़ती हूँ
वो दीवाना ढूंढ़ती हूँ
जलाकर जो छिप गया है
वो परवाना ढूंढ़ती हूँ
[ Correct these Lyrics ]

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ओ हसीना जुल्फों वाली जाने जहाँ
ढूंढ़ती हैं काफ़िर आँखें किसका निशान

ओ हसीना जुल्फों वाली जाने जहाँ
ढूंढ़ती हैं काफ़िर आँखें किसका निशान
महफ़िल महफ़िल ए शमा फिरती हो कहाँ
महफ़िल महफ़िल ए शमा फिरती हो कहाँ
वो अंजाना ढूंढ़ती हूँ
वो दीवाना ढूंढ़ती हूँ
जलाकर जो छिप गया हैं
वो परवाना ढूंढ़ती हूँ

महफ़िल महफ़िल ए शमा फिरती हो कहाँ
हो महफ़िल महफ़िल ए शमा फिरती हो कहाँ

गर्म हैं तेज़ हैं यह निगाहें मेरी
काम आ जाएँगी सर्द आहें मेरी
तुम किसी राह में तो मिलोगे कहीं
अरे इश्क़ हूँ में कहीं ठहरता ही नहीं
में भी हूँ गलियों की परछाई
कभी यहाँ कभी वहाँ
शाम ही से कुछ हो जाता हैं
मेरा भी जादू जवान

ओ हसीना जुल्फों वाली जाने जहाँ
ढूंढ़ती हैं काफ़िर आँखें किसका निशान
ओ हसीना जुल्फों वाली जाने जहाँ
ढूंढ़ती हैं काफ़िर आँखें किसका निशान
महफ़िल महफ़िल ए शमा फिरती हो कहाँ
महफ़िल महफ़िल ए शमा फिरती हो कहाँ
वो अंजाना ढूंढ़ती हूँ
वो दीवाना ढूंढ़ती हूँ
जलाकर जो छिप गया हैं
वो परवाना ढूंढ़ती हूँ

छिप रहें हैं यह क्या ढंग हैं आपका
आज तो कुछ नया रंग हैं आपका
आज की रात में क्या से क्या हो गयी
अहा आपकी सादगी तो बला हो गयी
मैं भी हूँ गलियों की परछाई
कभी यहाँ कभी वहाँ
शाम ही से कुछ हो जाता हैं
मेरी भी जादू जवां
ओ हसीना जुल्फों वाली जाने जहाँ
ढूंढ़ती हैं काफ़िर आँखें किसका निशान
ओ हसीना जुल्फों वाली जाने जहाँ
ढूंढ़ती हैं काफ़िर आँखें किसका निशान
महफ़िल महफ़िल ए शमा फिरती हो कहाँ
महफ़िल महफ़िल ए शमा फिरती हो कहाँ
वो अंजाना ढूंढ़ती हूँ
वो दीवाना ढूंढ़ती हूँ
जलाकर जो छिप गया है
वो परवाना ढूंढ़ती हूँ
[ Correct these Lyrics ]
Writer: Majrooh Sultanpuri, R D Burman
Copyright: Lyrics © Royalty Network

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