Back to Top

Dard Ke Phool Bhi Video (MV)




Performed By: Jagjit Singh
Length: 5:46
Written by: JAGJIT SINGH, JAVED AKHTAR


theme

Jagjit Singh - Dard Ke Phool Bhi Lyrics
Official




दर्द के फूल भी खिलते हैं बिखर जाते हैं
दर्द के फूल भी खिलते हैं बिखर जाते हैं
ज़ख़्म कैसे भी हों कुछ रोज़ में भर जाते हैं
दर्द के फूल भी खिलते हैं बिखर जाते हैं

उस दरीचे में भी अब कोई नहीं और हम भी
उस दरीचे में भी अब कोई नहीं और हम भी
सर झुकाए हुए चुपचाप गुज़र जाते हैं

रास्ता रोके खड़ी है यही उलझन कब से
रास्ता रोके खड़ी है यही उलझन कब से
कोई पूछे तो कहें क्या कि किधर जाते हैं
ज़ख़्म कैसे भी हों कुछ रोज़ में भर जाते हैं
दर्द के फूल भी खिलते हैं बिखर जाते हैं

नर्म आवाज़, भली बातें, मुहज़्ज़ब लहजे
नर्म आवाज़, भली बातें, मुहज़्ज़ब लहजे
पहली बारिश ही में ये रंग उतर जाते हैं
पहली बारिश ही में ये रंग उतर जाते हैं
दर्द के फूल भी खिलते हैं बिखर जाते हैं
ज़ख़्म कैसे भी हों कुछ रोज़ में भर जाते हैं
दर्द के फूल भी खिलते हैं बिखर जाते हैं
[ Correct these Lyrics ]

We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.


We currently do not have these lyrics. If you would like to submit them, please use the form below.




दर्द के फूल भी खिलते हैं बिखर जाते हैं
दर्द के फूल भी खिलते हैं बिखर जाते हैं
ज़ख़्म कैसे भी हों कुछ रोज़ में भर जाते हैं
दर्द के फूल भी खिलते हैं बिखर जाते हैं

उस दरीचे में भी अब कोई नहीं और हम भी
उस दरीचे में भी अब कोई नहीं और हम भी
सर झुकाए हुए चुपचाप गुज़र जाते हैं

रास्ता रोके खड़ी है यही उलझन कब से
रास्ता रोके खड़ी है यही उलझन कब से
कोई पूछे तो कहें क्या कि किधर जाते हैं
ज़ख़्म कैसे भी हों कुछ रोज़ में भर जाते हैं
दर्द के फूल भी खिलते हैं बिखर जाते हैं

नर्म आवाज़, भली बातें, मुहज़्ज़ब लहजे
नर्म आवाज़, भली बातें, मुहज़्ज़ब लहजे
पहली बारिश ही में ये रंग उतर जाते हैं
पहली बारिश ही में ये रंग उतर जाते हैं
दर्द के फूल भी खिलते हैं बिखर जाते हैं
ज़ख़्म कैसे भी हों कुछ रोज़ में भर जाते हैं
दर्द के फूल भी खिलते हैं बिखर जाते हैं
[ Correct these Lyrics ]
Writer: JAGJIT SINGH, JAVED AKHTAR
Copyright: Lyrics © Royalty Network
LyricFind

Back to: Jagjit Singh

Tags:
No tags yet