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Kisko Qatil Main Kahoon Video (MV)






Jagjit Singh - Kisko Qatil Main Kahoon Lyrics
Official




किस को कातिल मैं कहूँ किस को मसीहा समझूँ
किस को कातिल मैं कहूँ किस को मसीहा समझूँ
सब यहाँ दोस्त ही बैठ हैं किसे क्या समझूँ
सब यहाँ दोस्त ही बैठ हैं किसे क्या समझूँ

वो भी क्या दिन थे के हर वहम यकीं होता था

वो भी क्या दिन थे के हर वहम यकीं होता था
अब हक़ीकत नज़र आए तो उसे क्या समझूँ
अब हक़ीकत नज़र आए तो उसे क्या समझूँ
सब यहाँ दोस्त ही बैठ हैं किसे क्या समझूँ

दिल जो टूटा तो कई हाथ दुआ को उठे

दिल जो टूटा तो कई हाथ दुआ को उठे
ऐसे माहौल में अब किस को पराया समझूँ
ऐसे माहौल में अब किस को पराया समझूँ

जुल्म ये है के है यक़्ता तेरी बेगानारवी

जुल्म ये है के है यक़्ता तेरी बेगानारवी
लुत्फ ये है के मैं अब तक तुझे अपना समझूँ
लुत्फ ये हैं के मैं अब तक तुझे अपना समझूँ
किस को कातिल मैं कहूँ किस को मसीहा समझूँ
सब यहाँ दोस्त ही बैठ हैं किसे क्या समझूँ
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किस को कातिल मैं कहूँ किस को मसीहा समझूँ
किस को कातिल मैं कहूँ किस को मसीहा समझूँ
सब यहाँ दोस्त ही बैठ हैं किसे क्या समझूँ
सब यहाँ दोस्त ही बैठ हैं किसे क्या समझूँ

वो भी क्या दिन थे के हर वहम यकीं होता था

वो भी क्या दिन थे के हर वहम यकीं होता था
अब हक़ीकत नज़र आए तो उसे क्या समझूँ
अब हक़ीकत नज़र आए तो उसे क्या समझूँ
सब यहाँ दोस्त ही बैठ हैं किसे क्या समझूँ

दिल जो टूटा तो कई हाथ दुआ को उठे

दिल जो टूटा तो कई हाथ दुआ को उठे
ऐसे माहौल में अब किस को पराया समझूँ
ऐसे माहौल में अब किस को पराया समझूँ

जुल्म ये है के है यक़्ता तेरी बेगानारवी

जुल्म ये है के है यक़्ता तेरी बेगानारवी
लुत्फ ये है के मैं अब तक तुझे अपना समझूँ
लुत्फ ये हैं के मैं अब तक तुझे अपना समझूँ
किस को कातिल मैं कहूँ किस को मसीहा समझूँ
सब यहाँ दोस्त ही बैठ हैं किसे क्या समझूँ
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Writer: AHMED NADEEM QASMI, JAGJIT SINGH
Copyright: Lyrics © Royalty Network

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