प्यास की कैसे लाए ताब कोई
प्यास की कैसे लाए ताब कोई
नहीं दरिया तो हो सराब कोई
रात बजती थी दूर शहनाई
रात बजती थी दूर शहनाई
रात बजती थी दूर शहनाई
रोया पीकर बहुत शराब कोई
रोया पीकर बहुत शराब कोई
कौन-सा ज़ख़्म किसने बख़्शा है
कौन-सा ज़ख़्म किसने बख़्शा है
कौन-सा ज़ख़्म किसने बख़्शा है
इसका रक्खे कहाँ हिसाब कोई
इसका रक्खे कहाँ हिसाब कोई
फ़िर मैं सुनने लगा हूँ इस दिल की
फ़िर मैं सुनने लगा हूँ इस दिल की
फ़िर मैं सुनने लगा हूँ इस दिल की
आने वाला है फिर अज़ाब कोई
आने वाला है फिर अज़ाब कोई
प्यास की कैसे लाए ताब कोई
नहीं दरिया तो हो सराब कोई
प्यास की कैसे लाए ताब कोई