ये दुनिया ये महफ़िल
मेरे काम की नहीं
मेरे काम की नहीं
ये दुनिया ये महफ़िल
मेरे काम की नहीं
मेरे काम की नहीं
ये दुनिया ये महफ़िल
मेरे काम की नहीं
मेरे काम की नहीं
ये दुनिया ये महफ़िल
मेरे काम की नहीं
मेरे काम की नहीं
किसको सुनाऊँ हाल दिल-ए-बेक़रार का
बुझता हुआ चराग़ हूँ अपने मज़ार का
ऐ काश भूल जाऊँ मगर भूलता नहीं
किस धूम से उठा था जनाज़ा बहार का
ये दुनिया ये महफ़िल
मेरे काम की नहीं
मेरे काम की नहीं
अपना पता मिले न खबर यार की मिले
दुश्मन को भी ना ऐसी सज़ा प्यार की मिले
उनको खुदा मिले है खुदा की जिन्हे तलाश
मुझको बस इक झलक मेरे दिलदार की मिले
ये दुनिया ये महफ़िल
मेरे काम की नहीं
मेरे काम की नहीं
सहरा में आके भी मुझको ठिकाना न मिला
ग़म को भूलाने का कोई बहाना न मिला
दिल तरसे जिस में प्यार को
क्या समझूँ उस संसार को
इक जीती बाज़ी हारके मैं ढूँढूँ बिछड़े यार को
ये दुनिया ये महफ़िल
मेरे काम की नहीं
मेरे काम की नहीं