साथी रे साथी रे
साथी रे साथी रे
कभी अपना साथ न छूटे
कभी अपना साथ न छूटे
दुनिया रुठे किस्मत रूठे
दुनिया रुठे किस्मत रूठे
पर मन का मीत न रूठे
पर मन का मीत न रूठे
साथी रे साथी रे
साथी रे साथी रे
तोड़ के जग की सारी रश्मे
प्यार की कसम निभा
प्यार में तेरे इस दुनिआ को
मैंने दिया है भुला
मन से मन का बंधन सचा
मन से मन का बंधन सचा
बाकि बंधन झूठे
कभी अपना साथ न छूटे
कभी अपना साथ न छूटे
साथी रे साथी रे
साथी रे साथी रे
श्याम पुकारे आये न राधा
ये तो कभी न हुआ
दीपक से लो फूल से खुबसु
बिछ्डेगी कैसी भला
सूरज दिन से रात से चंदा
सूरज दिन से रात से चंदा
कौन लुटेरा लुटे
कभी अपना साथ न छूटे
कभी अपना साथ न छूटे
दुनिया रुठे किस्मत रूठे
दुनिया रुठे किस्मत रूठे
पर मनन का मीत न रूठे
पर मनन का मीत न रूठे
साथी रे साथी रे
साथी रे साथी रे