माही वे, माही वे
काग़ा सब तन खाइयो
मेरा चुन-चुन ख़ाइयो माज़
मेरे दो नैना मत खाइयो
मोहे पिया मिलन की आस
दर्द-ए-जुदाई सहते सहते मर ना जाए हम
हर पल दिल को तड़पाता है, तेरी जुदाई का गम
सुन सुन, सुन सुन
सुन सुन, सुन सुन
ओ दर्द-ए-जुदाई सहते सहते मर ना जाए हम
हर पल दिल को तड़पता है, तेरी जुदाई का गम
सुन सुन, सुन सुन
सुन सुन, सुन सुन
अब तक मेरी आँखो मे है
वो तेरा प्यार जताना
कैसे भुलाउ हसना हसाना
रुठू तो मुझको मनाना
याद आते ही वो दिन रोटी
हो गयी आँखे नम
सुन सुन, सुन सुन
सुन सुन, सुन सुन
हो दर्द-ए-जुदाई सहते सहते मर ना जाए हम
हर पल दिल को तड़पाता है, तेरी जुदाई का गम
सुन सुन, सुन सुन
सुन सुन, सुन सुन
प्रीत करो तो ऐसी करो
की जैसे सूट कपास
जीवन भर तो तन ढाके
मारे ना छोड़े साथ
अंधियारे लगते है सितारे, सुना लगे है झरना
हो के जुदा जीने से अच्छा है आख़िर मर जाना
टूट रही है सांसो की डोरी
छुट ना जाए ये दम
सुन सुन, सुन सुन
सुन सुन, सुन सुन
हा दर्द-ए-जुदाई सहते सहते मर ना जाए हम
हर पल दिल को तड़पाता है, तेरी जुदाई का गम
सुन सुन, सुन सुन
सुन सुन, सुन सुन
जो मैं ऐसा जानती, की प्रीत किए दुख होये
नगर ढिंढोरा पिटती, के प्रीत ना करियो कोए