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Shayad Aa Jaaye Saaki Ko Taras Video (MV)




Performed By: Junaid Akhtar
Language: Hindi
Length: 4:58
Written by: Ghanshyam Vaswani




Junaid Akhtar - Shayad Aa Jaaye Saaki Ko Taras Lyrics
Official




शायद आ जाएगा
साकी को तरस अब के बरस
शायद आ जाएगा
साकी को तरस अब के बरस
मिलना पाया हैं उन्न
आँखो का भी रस
अब के बरस
मिलना पाया हैं उन्न
आँखो का भी रस
अब के बरस
शायद आ जाएगा
साकी को तरस अब के बरस

अफ वो उन्माद भरे
आँखों के च्चालकते हुए जाम
अफ वो उन्माद भरे
आँखों के च्चालकते हुए जाम
बढ़ गयी और भी पीने की
हवस अब के बरस
बढ़ गयी और भी पीने की
हवस अब के बरस
मिलना पाया हैं उन्न
आँखो का भी रस
अब के बरस
शायद आ जाएगा
साकी को तरस अब के बरस

वो तो कुच्छ रंग पे मोसां था के गाहे गाहे
वो तो कुच्छ रंग पे मोसां था के गाहे गाहे
पी लिया मैने भी अंगूर का रस अब के बरस
पी लिया मैने भी अंगूर का रस अब के बरस
मिलना पाया हैं उन्न आँखो का भी रस
अब के बरस
शायद आ जाएगा
साकी को तरस अब के बरस

पहले ये कब था के
वो मेरे हैं मैं उनका हूँ
पहले ये कब था के
वो मेरे हैं मैं उनका हूँ
उनकी याडोने सताया
हैं तो बस अब के बरस
उनकी याडोने सताया
हैं तो बस अब के बरस
मिलना पाया हैं उन्न
आँखो का भी रस
अब के बरस
शायद आ जाएगा
साकी को तरस अब के बरस
शायद आ जाएगा
साकी को तरस अब के बरस
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Romanized

शायद आ जाएगा
साकी को तरस अब के बरस
शायद आ जाएगा
साकी को तरस अब के बरस
मिलना पाया हैं उन्न
आँखो का भी रस
अब के बरस
मिलना पाया हैं उन्न
आँखो का भी रस
अब के बरस
शायद आ जाएगा
साकी को तरस अब के बरस

अफ वो उन्माद भरे
आँखों के च्चालकते हुए जाम
अफ वो उन्माद भरे
आँखों के च्चालकते हुए जाम
बढ़ गयी और भी पीने की
हवस अब के बरस
बढ़ गयी और भी पीने की
हवस अब के बरस
मिलना पाया हैं उन्न
आँखो का भी रस
अब के बरस
शायद आ जाएगा
साकी को तरस अब के बरस

वो तो कुच्छ रंग पे मोसां था के गाहे गाहे
वो तो कुच्छ रंग पे मोसां था के गाहे गाहे
पी लिया मैने भी अंगूर का रस अब के बरस
पी लिया मैने भी अंगूर का रस अब के बरस
मिलना पाया हैं उन्न आँखो का भी रस
अब के बरस
शायद आ जाएगा
साकी को तरस अब के बरस

पहले ये कब था के
वो मेरे हैं मैं उनका हूँ
पहले ये कब था के
वो मेरे हैं मैं उनका हूँ
उनकी याडोने सताया
हैं तो बस अब के बरस
उनकी याडोने सताया
हैं तो बस अब के बरस
मिलना पाया हैं उन्न
आँखो का भी रस
अब के बरस
शायद आ जाएगा
साकी को तरस अब के बरस
शायद आ जाएगा
साकी को तरस अब के बरस
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Writer: Ghanshyam Vaswani
Copyright: Lyrics © Sony/ATV Music Publishing LLC


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