वही रोता हुआ दिल इधर भी है उधर भी है
मुसाफिर से खफा मुसाफिर से खफा
मंज़िल इधर भी है उधर भी है
वही रोता हुआ
उधर एक दर्द है दिल में
जो आंसू खो नहीं सकता
इधर आँखों में आंसू है
मगर मैं रो नहीं सकता
ज़माने से परेशा
ज़माने से परेशा दिल
इधर भी है उधर भी है
मुसाफिर से खफा
जहाँ तू हे वहाँ आवाज़ मेरी जा नही सकती
जहाँ मे हूँ वाहा फरियाद तेरी आ नही सकती
मोहब्बत में वही मुश्किल
मोहब्बत में वही मुश्किल
इधर भी है उधर भी है
मुसाफिर है खफा
वही एक ग़म का अफ़सना
कहे जाते है हम दोनों
मुक्कदर के इशारे पर
बहे जाते है हम दोनों
निगाहों से परे नोगहो से परे साहिल
इधर भी है उधर भी है
मुसाफिर से खफा मुसाफिर से खफा
मंज़िल इधर भी है उधर भी है
वही रोता हुआ